chickenpox in Hindi
चिकनपॉक्स क्या है? इसका कारण और इलाज क्या है?
चिकनपॉक्स (छोटी माता) एक संक्रामक वायरल बीमारी है, इस बीमारी के होने पर सबसे पहले चेहरे पर लाल दाने के छा।ले पड़ता है फिर उसके बाद पूरे शरीर पर फैल जाता है।
यह बीमारी वैरीसेला जोस्टर वायरस के कारण होता है।
आम तौर पर इस बीमारी को छोटी माता के नाम से पुकारते है। हालाकि कि यह बीमारी जानलेवा नहीं होती है, परंतु जिसको यह बीमारी होती है उसको ज्यादा परेशानी होती है।
चिकनपॉक्स का लक्षण..symptoms of chickenpox in Hindi
चिकनपॉक्स वायरस से संक्रमित होने के बाद लगभग 10 से 21 दिन के अंदर लक्षण दिखाई देने लगते हैं।और यह बीमारी लगभग 10 दिन तक रहता है।
संक्रमित होने बाद…..
- ज्यादा बुखार लगना
- शरीर में खुजली
- भूख का कम लगना
- सिर दर्द थकान होने का समस्या होना
चिकनपॉक्स को होने के बाद इसको खत्म होने में तीन चरण लगता है। यह बीमारी तीन अवस्था को पूरा करता है।
शरीर और उसके अन्य भागों पर लाल गुलाबी का थक्के निकल जाता है, जो कुछ दिनों के बाद फूटने लगता है।
द्रव से भरा होने के कारण फोड़ा जब फूटता है तो उसमे से पानी रिसने लगता है। इस उपरांत तेज जलन और दर्द होने लगता है। इस समय यह इंफेक्शन 48 घंटे तक दूसरे व्यक्ती के शरीर को संक्रमित करने के लिए असरदार होता है।
टूटे हुए फोड़े पर क्रस्ट और स्कैव का परत बन जाता है, यानी घाव के ऊपर काली पपड़ी बन जाता है।
यह तीनों चरण एक साथ होते हैं। जिसमें धक्के का बनना, लाल छला बनना, पापड़ी दार घाव होना।
यह निरंतर कुछ दिनों तक चलता रहता है, जिसमें पूरे शरीर पर यह फैल जाता है। और तेज दर्द, जलन, बुखार, और बेचैनी होता है।
अभी हम सब ने जाना कि चिकनपॉक्स होने पर इसका लाक्षण क्या होता है?Chickenpox in Hindi और किस तरह से इसको पहचानते है कि चिकनपॉक्स Chickenpox हो गया है। अब आगे बढ़ते है और जानते हैं कि इसने डॉक्टर से क्या सलाह लेनी चाहिए।
चिकनपॉक्स में डॉक्टरी सलाह.. medical advice in chickenpox in Hindi
अगर आपको लगता है कि चिकनपॉक्स हो गया है, तो आपको डाक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
इसमे डॉक्टर लाल थक्के को देखते है, फिर उसके लक्षण को देखकर उसके अनुसार दावा देते है ताकि चिकनपॉक्स के गंभीरता को रोका जा सके।
खाने वाले चीजों पर भी परहेज कर सकते हैं।
चिकनपॉक्स होने का कारण cause of chickenpox in Hindi
चिकनपॉक्स वैरीसेल जोस्टर संक्रामक वायरस के संपर्क मे आने से होता है। यह बीमारी तब ही फैलता है, जब कोई व्यक्ती
चिकनपॉक्स से संक्रमित हो। और उसके छींकने और खांसने के दौरान जब आप संपर्क में आते है तो आपको यह बीमारी हो जाता है, यह बीमारी हवा में भी फैलता है।
चिकनपॉक्स में जोखिम Chickenpox Risk in Hindi
यदि आपको चिकनपॉक्स एक बार भी नहीं हुआ है या आप वैक्सीन नहीं लिये है तो आपके लिए यह पहली बार ज्यादा जोखिम भरा हो सकता है। और आपको इस बीमारी से ठीक होने में ज्यादा समय लग सकता है।
ज्यादातर लोग जो चिकनपॉक्स का टीका के लिए होते है और उनको कभी चिकनपॉक्स हुआ होगा तो उनको यह बीमारी ज्यादा जोखिम भरा नहीं होता है। Chickenpox in Hindi
प्रतिशत उनको थोड़ा आराम मिलता है, लेकिन यह दुर्लभ बीमारी है। जिस व्यक्ती को टीका लगा हुआ है उसको भी यह बीमारी हो सकता है। लेकिन उनको उतना तकलीफ नहीं होता है। हल्का बुखार और कम फोड़े निकलते है। एवं जल्दी आराम भी हो जाता है।
जटिलता Complexity
चिकनपॉक्स
एक आम तौर पर संक्रामक और हल्की बीमारी है, इससे किसी व्यक्ती के जान का खतरा नहीं रहता है जबतक उसको कोई दूसरा गंभीर बीमारी न हो। लेकिन यह बहुत सारे जटिलता को जन्म दे सकता है।
- शरीर में पानी का कमी होना
- न्यूमोनिया
- त्वचा, कोमल हड्डियों एवं जोड़ों का कमजोर हो जाना
- मस्तिष्क में सूजन हो जाना
- उल्टी करना
- गर्दन में अकड़न
- बुखार 102F (38.9C°)से अधिक होना
- कोई अन्य बीमारी होने या ज्यादा कमजोरी होने पर मौत भी हो सकती है।
अभी हम सब ने इस आर्टिकल में जाना कि चिकनपॉक्स Chickenpox in Hindi मे जटिलता कितना होता है और इससे मरीज़ को कितना परेसानी होती है इसके आगे हम सब जानेंगे की चिकनपॉक्स chickenpox होने का खतरा किसको ज्यादा रहता हैं।
चिकनपॉक्स होने का ज्यादा खतरा किसको रहता है। Who is at higher risk of getting chickenpox?
चिकनपॉक्स होने का खतरा कुछ लोगों को ज़्यादा होता है…
जैसे…
- नवजात शिशु जिनके माताओं को कभी चेचक का टीका नहीं लगा हो।
- युवा लड़का या गर्भवती महिलाएं जिन्होंने कभी चेचक का टीका नहीं लगा हो।
- धुम्रपान करने वाले लोगों को ये बीमारी होने डर ज्यादा रहता है।
- जिस व्यक्ती का इम्यू सिस्टम ज्यादा कमजोर है , या जिन्हें कैंसर, एचआईवी हुआ हो। तो उन्हें यह रोग होने का डर ज्यादा रहता है या फिर अस्थमा जैसे रोगों के लिए स्टेरॉयड दवायें लेते तो उन्हें भी यह हो सकता है।
चिकन पॉक्स और गर्भावस्था chicken pox and pregnancy in Hindi
जो महिलाएं गर्भावस्था के दौरान शुरुआती दिनों में चिकनपॉक्स (chickenpox in Hindi) से संक्रमित होती है तो उन महिलाओं के बच्चा में अधिक असमानता होती है।
जब कोई मां जन्म देने से 1 सप्ताह पहले या जन्म देने के कुछ सप्ताह पहले चिकन पॉक्स से संक्रमित होती है तो उनके बच्चे को भी चिकन पॉक्स होने का खतरा ज्यादा होता है।
चिकन पॉक्स से संक्रमित होने का दौरान सबसे पहले बच्चे के बचाव के लिए डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
चिकन पॉक्स और दाद Chicken Pox Aur Shingles in Hindi
यदि आप चिकन पॉक्स से संक्रमित है तो दाद नामक रोग आगे चलकर आपको परेशान कर सकता है।Chickenpox in Hindi चिकन पॉक्स बाद में भी आपके शरीर टिकाऊ तंत्रिका तंत्र कोशिकाओं में वैरीसेला जोस्टर नामक वायरस मौजूद रहता है। कई वर्ष बीत जाने के बाद भी यह वायरस फिर से दोबारा सक्रिय हो जाता है। आपको परेशानी फिर से हो जाती है, इस दौरान बहुत ज्यादा सामुह वाला फोड़े निकल आते है और दर्द, जलन होने लगता है। यह घटना तब होता है व्यक्ति बूढे अवस्था में होते है और उनका इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, तब यह समस्या होती है।
दाद एक गंभीर बीमारी है गायब हो जाने के बाद भी दाद का दर्द लंबे समय तक रहता है। इसे हम पोस्टहेरपेटिक न्यूरालिजया कहा जाता है।
दाद का टीका उन व्यक्तियों को लेने की सलाह दी जाती है जिन्हें
चिकन पॉक्स हुआ है। इस टीके का नाम सही शिंग्रिक्स हैं।
शिंग्रिक्स को 50 वर्ष और उससे अधिक वाले उम्र के लोगों को देने की सलाह दी जाती है।
चिकन पॉक्स का टिक्का Chicken Pox Tikka in Hindi
वैरिसेला चिकनपॉक्स को रोकने के लिए सबसे असरदार टीका हैं। यह टिक्का लगभग 98% लोगों में वायरस को रोकने के लिए कारगर साबित होता है। यदि यह टीका पूर्ण रूप से सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकता है तो उस केश में चिकनपॉक्स के गंभीरता को काफी कम कर देता है।
चेचक के टीके के लिए वैरीवैक्स (Varivax) लेने को सलाह दी जाती है।
यह टिक्का छोटे बच्चे को दी जाती है…
पहला खुराक 12 से 15 महीने के उम्र में दी जाती है। और इसका दूसरा खुराक 4 से 6 साल के बीच मे टीका कार्यक्रम के अनुसार दी जाती है।
यदि कोई बड़ा बच्चा का 7 साल से 12 तक के अभी तक चिकन पॉक्स का टीका नहीं लगा तो उन्हें वैरिकला वैक्सीन की दो डोज देनी चाहिए।
इससे अधिक बड़े बच्चे 13 साल से अधिक जिन्हें टीका नहीं लगा है उनको भी दो डोज मिलना चाहिए।
अभी तक हम सब ने जाना कि
चिकनपॉक्स क्या है? इसका कारण और इलाज क्या है chickenpox in Hindi होने का डर किसको सबसे ज्यादा रहाता है? ईन सारे सवालों का जबाब आप सभी को जरूर मिला होगा। अब हम सब आगे जानेंगे की चिकन पॉक्स होने पर क्या खाना चाहिए। यानी इसमे मरीज़ को क्या खाना चाहिए कि वह जल्दी ठीक हो जाये।
चिकन पॉक्स होने पर क्या खाना चाहिए। What to eat when you have chicken pox.
यदि कोई व्यक्ति चिकन पॉक्स से पीड़ित हैं तो उनको पानी की कमी रहती है। इस दौरान उन्हें पानी को उबालकर, ठंढ़ा होने के बाद ताकि बैक्टीरिया के संख्या कम हो जाय। चिकन पॉक्स वाले मरीज़ को प्रत्येक दिन 7 से 8 ग्लास पानी पीना चाहिये। इस दौरान तरल पदार्थ वाले भोजन का सेवन करना चाहिए।
जैसे.. जूस, हर्बल चाय दालचीनी और तुलसी का काढ़ा पीना चाहिए।
चिकन पॉक्स में मरीजों के मुह का स्वाद बिगड़
जाता है, उन्हें खाने में कुछ भी अच्छा नहीं लगता। इसका मुख्य कारण एंटीवायरल दावा खाने से होता है। चिकनपॉक्स होने के दौरान आपके पाचनतंत्र कमजोर हो जाता है। जिनसे खाना पहचाने मे मुश्किल हो जाता है, इस समय मरीज़ को चावल खाना चाहिय। इससे शरीर ठंडा रहता है और खाना जल्दी पचता है।
“Chickenpox in Hindi” चिकन पॉक्स मे तेल युक्त सब्जियों का प्रयोग नहीं करना चाहिए, इसमे मरीजों को उबली हुई सब्जियाँ खाने के लिए दी जाती है।
जैसे… पत्ता गोभी, फूल गोभी, गाजर, शकरकंद, बीन्स इत्यादि
चिकन पॉक्स से संक्रमित होने के बाद ज्यादा फल का सेवन करना चाहिए। फल खाने से मरीज़ के शरीर मे मौजूद विटामिन होने के कारण वायरस से लड़ने में मदद करता हैं। इस दौरान मरीज़ को पर्याप्त पोषण युक्त भोजन की आवश्यकता होती है।
इस प्रकार के रोग में मरीजों को मुलायम फल खाना चाहिए
जैसे.. केला, अंगूर, सेब, खरबूजा, संतरा, अनार खाना चाहिए। यदि मरीज़ को खाने में दिक्कत होता है, तो उन्हें जूस बनाकर पीना चाहिए।
चिकन पॉक्स में नारियल का पानी पीना चाहिये, नारियल के पानी में विटामिन भरपूर रहता है। और इसमे कैलोरी बिल्कुल नहीं होता है, चिकन पॉक्स वाले मरीज़ को नारियल का पानी से ठंडक महसूस होता है तथा एसिडिटी भी नहीं होने देता है। इस दौरान मरीज़ को दही खाना चाहिए, इससे मरीज़ का त्वचा ठीक रहता है, और शरीर ठंढ़ा भी रहता है।
चिकन पॉक्स में क्या न खाए what not to eat in chicken pox in Hindi
चिकन पॉक्स होने पर कुछ चीजों को भी खानी चाहिए, ताकि इस रोग को तुरत ठीक किया जा सके। परहेज वाली खाना खाने पर ज्याyदा तकलीफ हो सकता है,
जैसे… तेज दर्द होना दर्द होना, जलन होना इत्यादि।
चिकन पॉक्स होने पर क्या खाना चाहिए ताकि मरीज़ स्वस्थ रहे और उनकी सेहत बना रहे ये हम सब ने जाना अभी इस आर्टिकल में अब हम जानेंगे की Chickenpox in Hindi मे क्या नहीं खाना चाहिए ताकि मरीज़ को कोई परेशानी नहीं हो, और वह कम समय में ठीक हो जाए।
तो आइये जानते हैं कि चिकन पॉक्स होने पर क्या नहीं खाना चाहिए! So let’s know what not to eat when you have chicken pox!
खट्टा फल नहीं खाना चाहिए क्यु की इसमे acid की मात्रा अधिक होती है। खट्टा होने के कारण मुह मे पड़े छाले को बढ़ा देता है और तेज दर्द और जलन होने लगता है।
सेचुरेटेड फैट वाला खाना न खाए
मिट्ट, मछल, चिकन, वसा युक्त, डेयरी फॉर्म वाली भोजन न खाए इससे सूजन बढ़ जाती है। और इलाज में देरी आती है
चटपटा मसालेदार भोजन
मसालेदार और नमक युक्त भोजन करने पर आपको दिक्कत हो सकता है। क्यु की उस दौरान शरीर ज्यादा गर्म रहता है। मसालेदार भोजन सुपाच्य नहीं होता है।
आर्गनाइज से भरपूर पदार्थ न खाय
इस प्रकार के अहार लेने से वायरस के गुण में बढ़ोतरी होने लगता है। जिससे मरीज़ को ठीक होने मे ज्यादा समय लगता है।
आर्गनाइज से भरपूर भोजन किशमिश, मुगलफली, चाकलेट, बटर आदि नहीं खाना चाहिए।
आज के पोस्ट में हम सब यही सीखे कि chickenpox in Hindi क्या होता? और यह कितना खतरनाक होता है। और किस उम्र के लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक होता है। एवं इसमे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए क्या खाया जाता है, और क्या नहीं खाया जाता है। इन सारे सवालों का जबाब आपको जरूर मिला होगा। हम आशा करते हैं कि यह पोस्ट आपको पसंद आया होगा।यदि आप ऐसे ही बेहतर जानकारी पाना चाहते तो आप हमे फ्लो कर कर लीजिए। आपके पास कोई सुझाव,या कोई सवाल है तो हमे जरूर बताए। आपके सवालों का जबाब देने के लिए हम जरूर देंगे धन्यबाद!