Top3 Bhoot ki Kahani चुड़ैल वाली Bhutiya Kahani

आज के इस आर्टिकल में हम सब Bhutiya Kahani के बारे में जानेंगे दोस्तों हम सभी कहीं पर जाते हैं तो हमें बहुत ज्यादा डर लगने लगता है क्योंकि हम पहले Bhoot ki Kahani के बारे में सुन रखे रहते हैं भूतिया कहानी को सुनते हुए तो मजा आता है लेकिन बाद में बड़ी डर लगता है. लेकिन ऐसा नहीं है आज की जो यह कहानी है इसमें मजा और डर दोनों आएगा। तो चलिए आज की कहानी हम लोग चालू करते हैं Bhoot ki Kahani जिससे आप सब पढ़ कर बहुत ही आनंदमय हो जाएंगे।

मोहनी चाय वाली की Bhoot ki Kahani 

Bhoot ki Kahani गोमती पुर नाम  एक छोटा सा गांव था। उसी गांव में बृजेश अपनी पत्नी हेमलता और बेटी मोहिनी के साथ रहता था। एक रोज़ ब्रजेश की तबियत काफी खराब हो जाती है, और वो अपनी पत्नी हेमलता से कहता है.

अरे भाग्यवान? एक तो पैसों का कुछ इंतजाम नहीं हो पाया, ऊपर से मेरी तबियत खराब हो गयी है। समझ नहीं आ रहा है कि गौरव बेटे के घर कॉलेज की फीस का इंतजाम कैसे हो पायेगा?

कल ही कॉलेज से फ़ोन आया था, की इस महीने कॉलेज की फीस पूरे 10 हजार जमा करनी हैं। माँ, अच्छा 10000 देनी है अब तुम  ही बताओ इस छोटी सी कमाई में भला मैं 10000 हजार का इंतजाम कैसे कर पाऊंगा जी,  एक तो पहले ही घर में खाने के लाले पड़े हैं। ऊपर से गौरव की कॉलेज की फीस कैसे भर पाएंगे हम?

तभी मोहिनी वहाँ आती है और माँ पिताजी से कहती है। ओहो माँ पिताजी आप काहे कोई टेंशन लेते हो? और वैसे भी अब आपकी बेटी बड़ी हो गई है इसलिए कल से मैं  भी बाहर काम करके पैसे कमाऊंगी और देखना पिताजी हम दोनों मिलकर काम करेंगे तो घर का खर्चा भी चल पाएंगे और गौरव भैया के कॉलेज की फीस भी भर पाएंगे।

अच्छा तो तू बाहर खड़ी हमारी बातें सुन रही थी पर जवान बेटी बाहर जाकर काम करेगी यह ठीक नहीं है। क्यो माँ क्या बस बीटा घर से बाहर काम के लिए जा सकते हैं? बेटियां नहीं, मैंने भी तो 12 तक की पढ़ाई की है और वैसे भी आजकल बेटियां भी बेटों से कम नहीं है। तो बिल्कुल सही कही मेरी लाड़ली ने 

मैं कल से खेमू काका की चाय की दुकान पर चाय बनाकर बेचने का काम करूँगी? मैंने उनसे पहले ही बात कर ली थी और पता है काका हर महीने काम के मुझे पूरे ₹5000 देंगे और इतना ही नहीं अगर मैंने ज्यादा और बढ़िया काम किया। तो वो मुझे पैसे भी ज्यादा ही देंगे।

फिर अगले ही दिन से मोहिनी खेमू का की दुकान पर चाय बनाकर बेचने का काम करने लगती है और आवाज लगाकर लोगों को अपनी दुकान की ओर आकर्षित करने लगती है।

आओ जी आओ भैया भाभी सर मैडम। भाई साहब ज़रा हमरि दुकान कि स्पेशल चाय तो पीकर देखो, अरे जो एक बार हमरि हाथों की बनी चाय पीएगा? वह एकदम तरोताजा हो जायेगा। तभी चाय की दुकान के पास एक कार आकर रुकती है। कार से एक लड़का बाहर आता है और मोहिनी से बोलता है।

तुम्हें तो इस चाय की दुकान पर पहले कभी नहीं देखा यहाँ तो वो बूढ़े काका चाय बनाते थे। अरे साहब आप बूढ़े काका के हाथ की चाय पीनी है तो मैं अभी उन्हें बुला देती हूँ। अरे अरे मैं तो मजाक कर रहा था। और वैसे भी इतनी सुन्दर लड़की हमें चाय बनाकर पिलाएं इससे अच्छी बात और क्या होगी?

ऐसा करो तीन कप चाय बना दो कभी कमल की कार से उसके दो दोस्त अनिकेत और कार्तिक बाहर आते हैं और बोलते हैं। क्या हुआ? इस बूढ़े का चाय की दुकान पर चाय बेचने वाली अतनी अच्छी मिया कहाँ से आ गई? मोहिनी सभी को चाय पकड़ाती है और कहती है साहब ये हमारे हाथ की स्पेशल चाय है इसलिए इस चाय के एक प्याले के पांच नहीं बल्कि ₹10 लगेंगे।

सभी कार्तिक मोहिनी को चाय के पैसे देते हुए उसका हाथ पकड़ लेता है। ₹10 क्या हम सब जितना भी पैसे मांगोगी हम देने को तैयार है? शर्त ये है की तुम ये चाय हमें अपने नाम पर पिलाओगी। मोहिनी कार्तिक से अपना हाथ छुड़ा लेती है और बोलती है। लगता है आपको चाय के साथ साथ हमारे हाथ का कड़क थप्पड़ भी खाना है।

जहाँ सुन्दर लड़की देखी है की लार टपकाना शुरू कर देते हो, आप चाय पिएं और चले यहाँ से। इससे पहले की ये लड़की हम तीनों को थप्पड़ जड़े। फिर वो तीनो दोस्त चाय पीकर वहाँ से चले जाते हैं। उनके जाने की कुछ ही देर बाद मोहिनी की चाय की दुकान पर चाय पीने वालों की भीड़ लग जाती है। सभी मोहिनी की बनाई हुई चाय की खूब तारीफ करते हैं। फिर मोहिनी रोज़ चाय की दुकान पर जाकर चाय बेचने लगी और उसकी बनाई हुई चाय की चर्चा दूर दूर तक होने लगी थी।

एक रात मोहिनी अपने माँ पिताजी से बोलती है। देखना पिताजी 1 दिन मैं अपनी खुद की चाई की दुकान खोलूंगी। फिर आपको छोटी मोटी नौकरी करने के लिए यहाँ वहाँ धक्के नहीं खाने पड़ेंगे। फिर हम तीनो मिलकर चाय की दुकान में खूब मेहनत करेंगे और खूब सारे पैसे कमाएंगे। अगले दिन मोहिनी से खुशी खुशी दुकान पर जाती है और चाय बनाने लगती है।

दुकान पर काम करते हुए उसे सुबह से रात हो जाती है की तभी उसकी दुकान के सामने आकर कार रुकती है।  कार्तिक बाहर निकलता है और देखता है की दुकान के आसपास कोई नहीं है। तभी कार्तिक चाय लेने के बहाने से मोहिनी का हाथ पकड़ लेता है और उसे दुकान से बाहर निकाल कर उसके साथ छेड़खानी करने लगता है। यह क्या बदतमीजी है, देखो मेरा हाथ छोड़ो, नहीं तो मैं शोर मचाकर सबको इकट्ठा कर लूंगी।

तभी कार से अनिकेत और कमल आते हैं आज हम तीनो तुमको छोड़ने वाले नहीं हैं। फिर तीनों दोस्त मिलकर मोहिनी के साथ छेड़खानी करने लगते हैं। मोहनी को ज़ोर से चिल्लाते देख कार्तिक अपने हाथ से मोहिनी का मुँह बंद कर देता है। कुछ देर के बाद जब वो मोहिनी के मुँह से हाथ हटाता है तो मोहिनी जमीन पर गिर पड़ती है।

कार्तिक बोलता हैं भगवान इस चाय वाली को क्या हो गया कही दम घुटने की वजह से यह मर तो नही गई? यार कार्तिक मोहनी का हम बंद करके सही नहीं किया, भाई हम लोगों ने मार डाला अनिकेत की बात से कार्तिक और कमल बहुत डर जाते हैं और फिर वो तीनो अपनी कार में बैठकर वहाँ से भाग जाते हैं।

दम घुटने की वजह से मोहिनी की मौत हो जाती है और वो एक चुड़ैल में बदल जाती है। तभी चुड़ैल बोलती हैं। इन बदमाशों ने मेरे साथ सही नहीं किया इन्हें तो मैं छोडूंगी नहीं, पर अब मैं क्या करूँ? बहुत दुःख हैं कल ही मेरे काम के पैसे देने वाले थे उन पैसों से गौरव भैया की कॉलेज की फीस भरनी थी। मुझे कुछ तो करना ही होगा, फिर चुड़ैल अपनी लाश को वहाँ से गायब करके उसे जंगल में छुपा देती है।

मुझे अपने लाश को छुपाकर रखना होगा और वो तब तक जब तक कि मैं सब ठीक नहीं कर देती। फिर ऐसे बोल कर चुड़ैल फिर से मोहिनी के रूप में बदल जाती है और सुबह होते ही मोहिनी खेमों काका के यहाँ अपने काम के पैसे लेकर अपने भाई गौरव की कॉलेज की फीस जमा करा देती है। फिर चुड़ैल मोहिनी के रूप में चाय की दुकान पर जाकर पहले की तरह ही चाय बनाने लगती है। तभी मोहिनी की दुकान के पास चाय पीने वालों की भीड़ लग जाती है।

तभी गांव में रहने वाला एक आदमी मोहिनी से कहता है। माहिनी बेटी 50 लोगों की चाय पैक कर पहुंचानी है। तो तुम इतनी सारी चाय फटा फट से बना तो लोगी ना? तो क्या है की हमें भी जल्दी है? अरे, चमन काका आपको पता नहीं है शायद, की हमरे हाँथ में जादू है आप कुछ देर वहाँ बैठीये हम फटाफट से आपको डोलची में चाय डालकर देते हैं।

फिर मोहिनी अपने चुड़ैल की शक्ति, उसे फटाफट से चाय बनाकर चमन चाचा को दे देती है। फिर क्या था मोहिनी रोज़ अपनी चुड़ैल की शक्तियो से, फटाफट फिर चाय बनाकर लोगों को पिलाने लगी। एक रोज़ मोहिनी चाय बनाते हुए सोचने लगती है। अगर ऐसे ही हमारा चाय का धंधा चलता रहा तो 1 दिन सब ठीक हो जायेगा। हमारे घर के गरीबी के दिन दूर हो जाएंगे।

मोहिनी ऐसा सोच रही थी कि तभी मोहिनी की दुकान पर कमल अपने दोस्तों के साथ आता है और बोलता है। अरे यार कार्तिक ये क्या ये लड़की चाय वाली तो बिल्कुल सही सलामत हमारी आँखों के सामने खड़ी चाय बना रही है। चल ज़रा इसके पास जाकर देखते हैं कि आखिर ये लड़की जिंदा कैसे?

ऐसा बोलकर कमल, कार्तिक और अनिकेत तीनों मोहिनी के पास जाते हैं। मोहिनी उन तीनों को देखते ही आग बबूला हो जाती है। तभी मोहनी को बहुत गुस्सा आता है और वो मोहिनी से चुड़ैल के रूप में बदल जाती है। अरे कम्बख्त तो तुम क्या मुझे नहीं छोड़ोगे अब तुम लोगो को मैं नहीं छोड़ने वाली। तुम तीनों की वजह से ही में एक चुड़ैल बनी हूँ और अब मैं तुम तीनों में से किसी एक को भी जिन्दा नहीं छोडूंगी।

तुम तीनों ने मिलकर मेरे साथ बदतमीजी की और मेरा मुँह बंद करके मुझे मार डाला। अरे तुम्हें पता भी है मेरी मौत से मेरी गरीब माँ पिताजी पर क्या बीतेगी? अपना घर चलाने और अपने भाई के कॉलेज की फीस भरने के लिए मुझे अपनी लाश को जंगल में छुपाना पड़ा ताकि मैं फिर से मोहनी के रूप में चाय बेचने का काम कर सकूँ।

सच में बहुत बड़ी गलती हो गयी हमें मालूम नहीं था। उस दिन तुम्हारा मुँह बंद कर देने से तुम्हारी मौत हो जाएगी। और हमने जो तुम्हारे साथ किया उन बातो को लेकर हम तीनो दोस्त बहुत शर्मिंदा हैं। हमें माफ़ कर दो, हम तुम्हारे आगे हाथ जोड़ते हैं। मोहनी के चाय की दुकान पर कुछ लोग आते है और चुड़ैल को देखकर उनके होश उड़ जाते हैं। चुड़ैल रोते हुए बोलती है चाचा मै मोहनी हूँ। फिर चुड़ैल सभी को सारी बात बताती हैं।

तब भी चाय की दुकान पर खेमू काका और मोहिनी के माँ पिता जी भी आ जाते हैं। भगवान भाई ये सब क्या सुन रहा हुँ? मेरी मोहिनी को तुम तीनों बदमाशों ने मिलकर मार डाला। मैं पिताजी आपरो नहीं, अब जो होना था वो तो हो गया और जब मेरी सच्चाई सभी के सामने आ ही गयी है। तो मैं चाहती हूँ कि इन तीनों दोस्तों को सजा के रूप में इन्हें मेरे माँ पिताजी के लिए एक बड़ी चाय  की दुकान खोल कर दें। मेरे माँ पिता जी को काम मिल सके।

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फिर तीनों दोस्त मिलकर अपने पैसों से मोहिनी के नाम के एक शानदार चाय की दुकान खोलकर उसके माँ पिता जी को देते हैं। और साथ ही सभी मिलकर मोहिनी की लाश का पूरे विधि विधान के साथ क्रिया करते हैं, जिसके बाद से मोहिनी की आत्मा को शांति मिल जाती है और वो हमेशा के लिए वहाँ से गायब हो जाती हैं।

Conclusion

इस Bhoot ki Kahani से हमें यही सिख मिलता हैं की कसी भी व्यक्ति को परेशान नहीं करना चाहिए, और नही किसी के बहकावे में आना चाहिए थोड़ी सी न समझ हम सभी को मुसीबत में डाल देती हैं। इस कहानी में भी यही बताया गया हैं की कुछ शरारती लड़को के वजह से एक लड़की की जान चली जाती हैं लेकिन फिर भी लड़की माफ़ कर देती हैं।

पीपल के पेड़ का Bhutiya Kahani 

Bhutiya Kahani 

रामपुर नाम का एक बहुत बड़ा सा गांव हुआ करता था जहां बहुत बड़ी खेती-बाड़ी करने वाले किसान रहा करते थे। गांव के पास में एक बहुत बड़ा घना जंगल था उस जंगल के बीच में एक बहुत बड़ा पीपल के पेड़ था जिस पर अनेकों भूत रहा करते थे भूत दिन भर तो गायब रहता था लेकिन जब राहत होती थी तो भूत पीपल के पेड़ पर आ जाता था वह गांव वालों को खूब परेशान करता था।

जब रात होती थी और लोग सो जाते थे तो बहुत पूरे गांव का चक्कर काटने लगता था पशुओं को नुकसान पहुंचाता था किसान को इतना डर आता था कि रात भर किसान सो नहीं पाते थे बेचारे किसान दिन भर काम करते थे और रात को भूत के डर से वह सो नहीं पाते थे।

भूत के डर से शाम होते ही गांव में सन्नाटा फैल जाता था और आज के कई घर में लोग बाहर नहीं जाया करते थे लोग अपने बच्चों को और खुद घर में ही रखते थे।

बहुत कोशिश करने के बाद लोगों ने एक विचार किया कि इस भूत को भगाने के लिए कुछ किया जाए एक बार की बात है भूल से परेशान गांव के लोगों ने एक बहुत बड़े साधु को अपने गांव में बुलाया उसने अपनी इस समस्या को बताएं कि यह साधु हमारे गांव में एक भूत है जो हमें बहुत ज्यादा परेशान करता है गांव वालों ने साधु को उस पेड़ के पास लेकर गए जहां पर होता था और तब से भूत को काबू में करने की बहुत कोशिश करता है लेकिन वह उसके हाथ नहीं आता है।

बहुत कोशिश करने के बाद साधु ने भूत पर काबू पाने की कोशिश करता है और उन्होंने युक्त निकालता है सब गांव वालों ने कहता है कि यह भूत केवल रात के अंधेरे में ही निकलता है यह दिन भर काम होता है यह भूत हम लोग डर लगता है हर चीज को अपना निवाला बना ने लगता है।

इसका अर्थ है कि इस भूत को रात की रोशनी में अच्छा लगता है और रोशनी से डर लगता है रात की रोशनी के सहारे यह पूरे गांव में भ्रमण करता है और लोगों को परेशान करता है साधु ने कहा कि इस भूत से छुटकारा पाया जा सकता है इस बात को सुनकर गांव वालों ने साधु के साथ मिलकर एक योजना बनाते हैं।

रात को भूत पेड़ से निकलकर गांव में प्रवेश करता है तो किसानों के हाथ में एक मसाले चारों ओर उजाला कर दिया जाएगा रोशनी को देखकर भूत बहुत ज्यादा डर जाएगा क्योंकि भूत प्रकाश से डरता है और रात को अंधेरे में हूं गांव में चलता है इसी कारण से भूत फिर पेड़ की ओर भाग जाता है।

सदु के बताए द्वारा किए गए कार्यों से भूतू गांव की गलियों से भाग जाता है और फिर पेड़ पर पहुंच जाता है दूसरी में साधु भूत के पेड़ से बांध देता है और फिर गांव वाले बहुत को उस पेड़ के साथ ही जला देते हैं इस तरह से गांव वालों को भूत की समस्या से निजात मिल जाता है

concllusion

Bhutiya Kahani से यही सीख मिलती है कि यदि कोई भी हमारे पास समस्या है तो उस समस्या से निजात मिल सकता है घबराने की जरूरत नहीं है बस उस समस्या को निजात पाने के लिए हमें थोड़ा सा दिमाग लगाने की जरूरत होता है यदि आपके पास भी कोई समस्या है और उसका समाधान नहीं मिल रहा है तो आप एक दो आदमी से मिलिए तब भी नहीं मिल रहा है तो आप एकांत और शांत बैठ कर सोचिए समस्या के समाधान आपको तुरंत मिल जाएगा।

 

 

गाड़ी वाली लड़की की Bhoot ki Kahani 

Bhoot ki Kahani 

 

हेलो दोस्तों आज की Bhutiya Kahani सच्ची घटना पर आधारित है जिसे पढ़कर आप लोग को बहुत ही मजा आएगा और थोड़ा डर भी लगेगा एक बार की बात है कि मैं अपने पांच दोस्तों के साथ मुंबई के एक खास जगह पर जा रहे थे वहां जाने से पहले ही हम लोगों ने ऑनलाइन होटल को बुक कर लिया था हम सभी लोगों ने यह फैसला अच्छी तरह से कर लिए थे कि रात के हम लोग शांत माहौल में गाड़ी चला कर जिस जगह पर हम लोग मुंबई में जाना है वहां पर चले जाएंगे। और हम लोग का यह अनुमान था कि सुबह के समय ही हम लोग होटल में चेक-इन कर लेंगे।

करीब रात के 8:00 बजे हम लोग मुंबई से कुछ दूरी पर थे और 3:00 बजे करीब में मुंबई के सीमा में हम लोग प्रवेश कर चुके थे जिस रास्ते से गुजर रहे थे रास्ते में छोटी पहाड़ी है जो थोड़ा डरावना लगता है इस पहाड़ी में थोड़ा सा पत्थर होने के कारण गाड़ी चलाने में परेशानी होता था।  रोड पर हम सब ने सफेद गाड़ी खड़ी हुई देखी गाड़ी खड़ी थी और गाड़ी के पार्किंग लाइट दोनों चालू थे

गाड़ी के पास में एक बहुत ही खूबसूरत सी लड़की खड़ी थी वह बहुत ज्यादा खूबसूरत थी गुलाबी टॉप और जींस पहन कर खड़ी थी जिसे हम लोग गाड़ी के पास में गए उन्होंने हमारी गाड़ी को देखकर गाड़ी को रुकने लगी और हमारे से लिफ्ट मांगने लगी

प्रतिक्रिया को देखते हुए हम सभी पांचों दोस्तों ने निर्णय किया कि हमें इस लड़की को लिफ्ट देनी चाहिए या नहीं, क्या हमें उस लड़की की मदद करनी चाहिए? हम पांचों दोस्त ने उस लड़की को मदद करने के पक्ष में थे लेकिन कभी-कभी हम लोग का दिल अंदर से कह रहा था कि यह गलत काम है।

हम सभी दोस्त में से एक दोस्त यह नहीं चाह रहा था कि हम लोग लड़की का मदद करें वह दोस्त यह समझ रहा था कि हम लोगो के साथ में धोखा हो सकता है। या कोई चालबाजी हो सकता है, हम लोग फंस सकते हैं जो दोस्त मेरे गाड़ी को चला रहा था उसने उस गाड़ी को लड़की के पास ले जाकर धीमा कर दिया। गाड़ी के शीशा नीचे कर रहा था तभी उसी समय दूसरे दोस्त ने जोरदार आवाज में बोला कि भाई गाड़ी क्यों धीरे कर रहे हो, कुछ गलत हो सकता है, तथा यहां पर कुछ गड़बड़ हो सकता है।

दोस्त बहुत शौक था उन्होंने कहा कि लड़की खूबसूरत देखकर मदद करने के लिए गाड़ी मत रोको मेरे दोस्त हम लोग फंस सकते हैं। लड़की देख कर पिघलो मत उसकी आवाज सुनकर ड्राइव कर रहा दोस्त ने गाड़ी की स्पीड को फिर से बढ़ाने लगा और लड़की की मदद नहीं करने का निर्णय लिया। जैसे हम लोग उस लड़की के सामने से गाड़ी को निकाल रहे थे तभी गाड़ी के अंदर कड़कदार खुशबू फैल गई हम लोग को थोड़ा सा महसूस हुआ की ये गाड़ी में क्या हुआ। शायद उस लड़की ने सेंट लगाई होगी। उसी से हम लोगो के गाड़ी के अंदर सेंट हवा के मदद से आया हैं।

गाड़ी स्पीड पकड़ चकी थी जब हम लोगों ने 6 से 7 किलोमीटर दूर आगे बढ़ गए तो पांचो दोस्त ने उस लड़की के बात को लेकर फिर से चर्चा शुरू करने लगे हम लोगों ने सोचा कि सबको हिम्मत करके उस लड़की को मदद करनी चाहिए एक लड़की रोड के किनारे खड़ी है, इस तरह से हम लोगों को नहीं जाना चाहिए शायद वो परेशानी में होगी हो, वह हम हम सभी से मदद मांग रही होगी।

एक लड़की इतनी रात में वहां पर खड़ी है उसको अकेले नहीं छोड़ना चाहिए था  सायद उसके के साथ में कुछ हो जाए तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। वह लड़की भी यही सोचती होगी यह कैसे लोग हैं जो इस लड़की को छोड़कर जा रहे हैं मदद भी नहीं कर रहे हैं तरह तरह के बाते दिमाग में चल रहे थे।

तभी कार ड्राइव कर रहे मेरे दोस्त ने मन बदलने लगा और वह बोला कि चलो उस लड़की के पास चलते हैं और उससे मदद करते हैं गाड़ी को यू टर्न लेने के लिए सोच ही रहा था वैसे ही वह लड़की दिखाई दी ठीक उसी पोजीशन में गाड़ी खड़ी थी, और लड़की भी गाड़ी के पास खड़ी थी

लड़की ने गुलाबी टॉप और जींस कपड़ा पहनी हुई थी देख कर लग रहा था की  कोई अच्छी फैमिली से बिलॉन्ग करती है। हम सब डर गए हम सब chehra एकदम सफेद हो गया था मानो हम लोग के शरीर में कोई खून नहीं मेरा तो दिल जोर-जोर से धड़क रहा था।

हमने गाड़ी की स्पीड को और तेज बढ़ाने के लिए बोला, गाड़ी उस लड़की के पास से गुजरी जैसे ही गाड़ी उस लड़की के पास से गुजरी फिर से वही कड़क सी महक गाड़ी के अंदर फैल गई। हम सब ने गाड़ी को बहुत दूर लेकर चले फिर भी  26 से 25 किलोमीटर दूरी पर पहुंचने के बाद भी हम दोस्त ने एक दूसरे से बात नहीं कर रहे थे। 26 से 25 किलोमीटर की दूरी में हमने उस लड़की को करीब 8 से 9 बार तक क्रॉस किया था अंत में हमने मुंबई के एक रोड ढाबे पर गाड़ी को पार्किंग किया।

हम पांचों दोस्त बहुत डरे हुए थे ढाबा के अंदर गए और चाय मंगवाए सभी ने ठंडे पानी से अपने चेहरे और आंखों को धोया तभी ढाबे में रुके हुए ट्रक ड्राइवर ने हम सभी से इस परेशानी के बारे में पूछा क्योंकि हम लोग को चेहरे पर एक खौफ का साया मंडरा रहा था। हम लोग बेचैन थे इस परेशानी को देखकर ड्राइवर ने हम लोगों से बातचीत शुरू की। हम सभी ने ड्राइवर को सारी बातें बता दी जो हम लोग के साथ में इस यात्रा में घटित हुआ था।

हम सभी को उस ड्राइवर ने एक अखबार का टुकड़ा दिखाया जो उसके पास में था और उसके मोबाइल में भी था। जिस अखबार में छपी थी कि दिल्ली की एक 21 साल की महिला उस पहाड़ी के एक्सीडेंट में मौत हो गया था उस लड़की की कार चट्टान से नीचे खाई में जा गिरी थी। उस अखबार में जिस गाड़ी का जिक्र था वह वही गाड़ी थी जिस गाड़ी के पास में लड़की खड़ी थी लड़की के पहनावा भी वहीं था जिस पहनावे में लड़की खड़ी थी और वही फोटो था जो पेपर में छपी थी।

हम सभी दोस्त इस बात को लेकर बहुत ज्यादा दुखी थे और बहुत डर ही गए थे एक तरफ डर भी था कि कहीं रात को हम लोग निकल रहे हैं तो हम लोग साथ में फिर से वही घटना ना हो जाये।  इस बात को ध्यान में रखते हुए हम सभी दोस्तों ने निर्णय किया कि मुंबई से जिस लोकेशन में हम लोग को जाना है उस लोकेशन के लिए हम लोग गाड़ी अब दिन में ही ड्राइव करेंगे रात के समय में हम लोग गाड़ी को नहीं चलाएंगे।

 

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