Best 3 Horror Story for Reading in Hindi प्रेत, चुड़ैल, डायन की कहानियाँ

Horror Story for Reading in Hindi कि इस आर्टिकल में आज हम पढ़ेंगे चुडैल भूत प्रेत आत्मा इन सभी की कहानियां आज की या आर्टिकल आप सभी को बहुत पसंद आएगा इसमें हमने 3 कहानियां लिखी है जो तीनों अपने आप में बहुत ही लाजवाब है Horror Story for Reading in Hindi डरने वाली इस कहानी में कुछ अजीब तथ्य छुपे हुए हैं जिसे आप को पढ़कर मजा आएगा

बस आपसे एक गुजारिश है, कि आप इस horror stories in hindi real story कहानी को लास्ट तक जरूर पढ़ें। और इसे दूसरों के साथ में शेयर जरूर करें, ताकि उसको भी इस तरह की जानकारी और डरने वाली कहानी से रूबरू हो।

Horror Story for Reading in Hindi कब्रिस्तान की कहानी 

कन्हैया का घर कब्रिस्तान के पीछे था और उसके घर के छत से कब्रिस्तान अच्छी तरह से दिखाई देता था कन्हैया को काम जब लगता था या वह कोई काम करने के लिए घर से बाहर जाता था तो कब्रिस्तान को पार करते हुए जाता था श्याम के दो बच्चे थे दोनों बच्चे बड़ी शैतान थे वह बहुत ज्यादा नटखट और झगड़ा करने में सबसे ज्यादा था। श्याम के बड़े बेटे का नाम राधा और छोटे बच्चे का नाम श्याम था।

एक बार गर्मी की छुट्टी में कन्हैया और राधा की बहन पूजा भी घर आई हुई थी तीनों मिलकर रात के लगभग 12:30 बजे तक गेम खेल रहे थे राधा पूजा से बोलता है तुम गेम खेलती होना बहुत अच्छे से खेलती हो तुम ट्रुथ लोहिया डेयर लोगी पूजा बोली कि मैं डियर लेती हूं तुम लोग कुछ खतरनाक काम करने के लिए तो नहीं बोलेंगे।

राधा– यह नवी मेरी प्यारी बहन बाद आओ छत के ऊपर हम सब चलते हैं और घूम घूम कर छत पर गेम खेलेंगे फुल तोड़कर तुम लाना तभी हमें तो पता चलेगा कि तुम छत पर आई हो।

पूजा- नहीं नहीं नहीं भाई छत से तो कब्रिस्तान दिखता है मेरे को बहुत डर लगता है मैं छत पर नहीं जाऊंगी।

इस बात को सुनकर राधा थोड़ा गुस्सा होता है श्याम और राधा दोनों मिलकर पूजा को इस हद पर ले जाने के लिए जबरदस्ती करने लगता है सोनिया छत पर जाती है जिसे दुनिया छत पर जाती है गमले के फूल की तरह बढ़ती है तभी उसकी नजर कब्रिस्तान की ओर पड़ता है।

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कब्रिस्तान में पूजा जब दिखती है तो एक तरफ बहुत बड़ा सूखा पेड़ होता है वह देखती है उस पेड़ पर एक सिर कटी हुई उल्टी लटक रही थी पूजा उस लाश को देखकर बहुत जोर से चिल्लाती है और छत पर बेहोश हो जाती है राधा और श्याम नीचे चला जाता है कुछ देर के बाद यह दोनों सोचते हैं श्याम और राधा की अरे पूजा तो छत से नहीं आई उसको क्या हो गया और दोनों डर जाते हैं। श्याम और राधा छत पर जाकर देखते हैं, तो पता चलता है कि सोनिया बेहोश पड़ी है। राधा और श्याम अपने पापा को कन्हैया को बुलाते हैं और उन्हें सारी बात बताते हैं।

कन्हैया- तुम तीनों के ही ऐसा खेल खेलने की जरूरत क्या थी इतनी रात को श्याम तुम तो जानता था ना उस कब्रिस्तान के बारे में कि कैसे-कैसे खबरें आती रहती है तुम पूजा को रात को छत पर जाना ही क्यों दिया?

राधा– मुझे माफ कर दो पापा मेरे से गलती हो गई मैं अब कभी भी ऐसा हरकत नहीं करूंगा और नहीं हम कभी छत पर खेलेंगे।

 

पूजा डरी हुई थी, डरी हुई हालत में अपने पापा कन्हैया से सारी बात पूछा बताती है उसने क्या देखा कब देखा और किस तरह से देखा कन्हैया उस शब्द को सुनकर भाव खो जाता है और डर जाता है क्योंकि कन्हैया ने इस तरह की खबर पहले भी सुन रखी थी इसलिए वसुनिया को डांटा नहीं है और बच्चों को संभाल कर रहने की सलाह देता है।

1 दिन की बात है कि कन्हैया काम करने के लिए घर से बाहर गया हुआ था काम से छुट्टी मिलने में देरी हो जाने के कारण उस दिन ऑटो रिक्शा भी नहीं मिलता है परेशान होकर कन्हैया पैदा नहीं अपने घर की ओर चल पड़ता है। इधर राधा और श्याम दोनों आपस में बात करते हैं।

राधा– बताओ भी श्याम पूजा ने जो पापा से कहा क्या वह सच है मुझे तो लगता है कि वह सिर्फ बातें बना रही है उसको केवल भ्रम होगा ऐसा हमें नहीं लगता है कि इस तरह का कब्रिस्तान में कुछ अजूबा दिखाई देता है।

श्याम– अरे नहीं भाई ऐसी बात नहीं है उसकी हालत देखा था ना वह कितनी परेशान थी ऐसी बात नहीं है कि उसको कुछ चीजें नहीं दिखाई होगी। बीना देखे इतना जल्दी बेहोश नहीं हो सकती हैं वह।

राधा– चलो चलो हम लोग कब्रिस्तान में चलकर ही देख लेते हैं कि आखिर बात क्या?

श्याम– भाई तुम पागल हो क्या? तुम्हें पता नहीं कि कब्रिस्तान में कैसे-कैसे खबरें आती हैं कल ही शाम को पापा हम लोग को समझाया था ना. मुझे अपनी जान बहुत प्यारी है मैं कहीं नहीं जाऊंगा और तुम भी मत जाओ वरना मैं पापा से बोल दूंगा कि तुम कब्रिस्तान में गए थे।

श्याम को बहुत मनाने के बाद में भी राधा नहीं मानता है अकेले हैं कब्रिस्तान की ओर चल देता है देखने के लिए कि क्या ऐसी कब्रिस्तान में कोई चीज है जिससे पूरा गांव डरा हुआ कब्रिस्तान का दरवाजा खुलता है और अंदर की ओर चला जाता है वह उस पेड़ को भी बड़ी ध्यान से देखता है जिस पर पूजा को सर कटी हुई उल्टी लाश देखी थी।

राधा बड़ी इत्मीनान के साथ उस पेड़ के पास में खड़े हो कर देखता है। तभी एक अदृश्य हाथ राधा का पैर को पकड़ लेता है और जाता है और जोर-जोर से चिल्लाने लगता है मुझे छोड़ दो मुझे छोड़ दो मेरी जान मत लो मैं दोबारा यहां पर कभी नहीं आऊंगा।

बगल के दूसरे कोने पर एक कब्र होती है जोकर बिल्कुल ही होती है उसको ओपन में कुछ खून का धब्बा लगा रहता है वह अदृश्य हाथ रोगी को खींचकर उसे कब देगी और लेकर जाती है और उस कमरे में धकेलने की कोशिश करता है. राधा जोर जोर से चिल्लाता है वह छोड़ने के लिए बहुत कोशिश करता है कि अदृश्य हाथ उसको छोड़ दे मैं यहां पर कभी नहीं आऊंगा मुझे मत मारो मेरी जान को छोड़ दो। कन्हैया काम करके लौटने वाला था और उसी रास्ते से घर आ रहा था जिस रास्ते में कब्रिस्तान पड़ता है।

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कन्हैया– हथियार तो लगता है कि अर्हता की आवाज है यह कब्रिस्तान से आ रही है मुझे जाकर देखना चाहिए कि राधा बेटा को क्या हो गया?

कन्हैया कब्रिस्तान के अंदर जाकर देता है कहीं पर राधा नहीं दिखाई देता है वह चारों और घूम कर देखता है लेकिन कहीं पर भी राधा नहीं दिखाई देता है फिर कन्हैया अपने घर को लौट जाता है श्याम से पूछता है राधा कहां है?

श्याम– पापा मैं राजा भैया को बहुत बार समझाया कि आप कब्रिस्तान में मत जाओ लेकिन वह मानने को तैयार ही नहीं थे कल वाली घटना से पूजा दीदी जो डरी हुई थी इसी बात को वह साबित करने के लिए कब्रिस्तान गए हैं कि क्या यह घटना सही है या गलत है।

कन्हैया– देखो श्याम हमारे पास समय नहीं है तो भी काम करो तुम जाओ घर के मंदिर के अंदर में जो शंख रखा हुआ है उसे लेकर जल्दी आओ और लोटा में जल रखा हुआ है उसे भी लेकर आना। हमें राधा को पूछने के लिए कब्रिस्तान जाना ही पड़ेगा।

श्याम उस जल को लेकर आता है साथ शंख को भी लेकर आता है। कन्हैया और श्याम दोनों कब्रिस्तान में जाते हैं कन्हैया जब जल छिड़कता है तो उसको किसी को घसीटने की निशान दिखाई देता है। वह समझ जाता है कि निशान मेरे राधा का पीछा करते हो उस कब्र तक पहुंच जाता है जिस कब्र में भूत राधा को लेकर गई थी कन्हैया कब्र के आसपास वह जल चढ़ता है कब्र से अजीब अजीब तरह की आवाज आती है श्याम उस आवाज को सुनकर डर जाता है।

कन्हैया– अरे मुझे लगता है कि श्रापित प्रेत आत्माओं ने राधा को इसी कब्र के अंदर में ही कैद कर लिया है हमें जल्दी से राधा को इस कब्र से बाहर निकालना होगा। श्याम तुम इस जल को पकड़ो और आसपास इसे छिड़कते रहो इससे हमें वह प्रेत आत्माएं कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाएगी मैं इस कब्र को खोलने की कोशिश करता हूं।

कन्हैया उस कब्र को खोलने के लिए बहुत कोशिश करता है बहुत कोशिश करने के बाद में कब खुल जाता है उसके अंदर राधा बेहोश पड़ा हुआ था। कन्हैया राधा को लेकर हॉस्पिटल जाता है उसकी हालत ज्यादा खराब हो चुकी थी। गंभीर अवस्था में कन्हैया घर को छोड़कर शहर से दूर एक घर में अपने पूरे परिवार के साथ रहने चला जाता है।

और वह पुराने घर को छोड़ देता है, राधा को जब भी उस कब्र की याद आता है वह डर जाता है। और रोने लगता है लेकिन धीरे-धीरे समझ आने के बाद वह अब ठीक है।  अब राधा पूजा श्याम कन्हैया इस कब्रिस्तान वाले घर से बहुत दूर चले गए शहर में।

Horror Story for Reading in Hindi भूतिया रास्ता वाला कहानी 

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आज की यह भूत वाली कहानी सच्ची घटना पर आधारित है। एक खुद हमारे साथ घटना घटा है जिसमें हमने अपने सच्चे प्रेमी को खो दिया horror stories in hindi real story मैं आप सभी से गुजारिश करूंगा कि मेरे द्वारा लिखी गई यह वाक्य बिल्कुल सत्य और सटीक है आप इससे शुरू से अंत तक जरूर पढ़ें।

मैं उस घनघोर डरावनी रात को कभी नहीं भूल सकता जिस रात को अपने प्यारे दोस्त राहुल को खो दिया था।

राहुल और मैं बचपन से ही एक-दूसरे के साथ खेलते थे मानी कि हम दोनों लंगोटिया यार थे राहुल मेरा दोस्त कम और भाई ज्यादा था हम दोनों दसवीं कक्षा के बाद बिहिया के पॉलिटेक्निक कॉलेज में प्रवेश लिया हमारे लिए बिहारन जानता पर कुछ ही दिनों में हम उस शहर को चपा चपा जान गए थे। क्योंकि राहुल और मैं दोनों बहुत ही पुराने दोस्त हैं और गांव में ही हम बाइक से घूमा करते थे तो हम दोनों उसी शहर में रोज बाइक से घूमते थे और हर गलियां को देखते थे कि कौन सी गली कहां जाती है और किस गली में कितनी सारी दुकान है

एक बार की बात है और राहुल ने हमसे बोला भाई हम दोनों लॉन्ग ड्राइव पर चलते हैं और पूरा मजा करने के बाद में हम सब वापस अपने डेरा में चले आएंगे। हम दोनों प्लान बनाए लॉन्ग ड्राइव पर जाने के लिए, हम दोनों ने झारखंड के काम ही गांव के जंगल में जाने का प्लान बनाया हम दोनों झारखंड कभी नहीं गए थे।

हमने इतना सुना था कि झारखंड बहुत अच्छा इलाका है, और वहां पर पहाड़ी इलाका है। साथी आदिवासी रहते हैं और बहुत ज्यादा हरा-भरा पड़े रहते हैं उधर लेकिन उस जंगल में जंगली जानवर नहीं थे क्योंकि उस इलाके में आदिवासी ज्यादा हो गए हैं। और लोग अपना घर बना लिए थे इसीलिए जंगली जानवर तो थे नहीं।

जंगली जानवर ना होने के कारण रात में ड्राइव करना बिल्कुल सुरक्षित है उस रास्ते में जिस रात को हम सब ने प्लान बनाया को रात पूर्णिमा की थी। रात भी बहुत ही अच्छा वर प्यारा था राहुल के साथ काम ही गांव जाने के लिए हम राजी हो गए और हम सब ने निकलने का फैसला किया।

करीब रात को 12:30 बजे हम कहानी गांव के जंगल में पहुंच गए थे हमें जैसे सुना था वैसे ही दिखाई दे रहा था हमने सुना था जंगल का रास्ता बिल्कुल चिकना और मुलायम होता है हमारी बाइक की स्पीड बहुत ज्यादा हो गई थी, तथा बाइक हवा से बात कर रही थी और ठंडी ठंडी हवा में बाइक चलाने में बहुत मजा आ रहा था।

पर मुझे एक बात की हैरानी हो रही थी कि कि जब हम जंगल के इतने अंदर पहुंच गया तब पर भी इस रास्ते पर एक भी गाड़ी दिखाई नहीं दे रहे थे पूरे जंगल का रास्ता सुनसान पड़ा हुआ था तभी रास्ते में हैं एक पुल दिखाई देता है राहुल उस पुल के बीच बाइक को रोक दी.

जिस पुल के पास में हम दोनों खड़े थे वह पूल करीब अंग्रेजी जमाने का था पुल के ठीक बगल में एक बहुत बड़ा सा बोर्ड लगा हुआ था और उस बोर्ड पर लिखा था (एसटी जॉर्ज ब्रिज) राहुल और हम दोनों पुल पर गए और खड़े हो गए पुल के नीचे से एक नदी बह रही थी और ठंडी ठंडी कोमल हवाएं चल रही थी नदी के बहुत हुई पानी में चांद दिखाई दे रहा था और कल कल की आवाज सुनाई दे रहा था।

कुछ दूर से ही भेड़िए की रोने की आवाज सुनाई दी पुल के ऊपर से बहने वाली हवाएं अचानक रुक गई नदी का कल कल करता हुआ पानी भी थम सा गया चांद एक काले बादल के पीछे खाए हो गया तभी हमारे सर के ऊपर से ईद टिटिहरी भयंकर आवाज में बोलने लगी वह बहुत अच्छी करती हुई हम लोगों के शिर के ऊपर से मंडरा रही थी मनो वह हम से कह रही थी की यहां से जल्दी भागो।

मैं राहुलराहुल कुछ यहाँ पर आज यार अच्छा नहीं लग रहा है। कुछ यहाँ पर यार अच्छा नहीं लग रहा है। टिटिहरी हम लोगों को सिर के ऊपर से। चिल्ला रहे है मानो हम लोगों पर मैं खतरा मंडरा रहा है।

राहुल अरे नहीं भाई, चुपचाप खड़े होकर यहाँ से प्रकृति का नजारा लो। टिहरी का काम है बोलना तो हमें क्या फर्क पड़ता है?

तभी मैंने राहुल से बोला तुमने कुछ देखा? देख वहाँ पर एक औरत खड़ी है उन नदी में छायांक रही है। जे सी। हमने राहुल को बोला उस औरत को देखने के लिए औरत तुरंत उस पुल के ऊपर में चढ़ गई।

मैंने राहुल से बोला राहुल देख औरत पीछे क्या कर रही है?

राहुल ने पीछे मुड़कर देखा तो औरत अभी भी पुल की रेलिंग के ऊपर में चढ़कर नदी में देख रही थी।

राहुल भाई वह खुदकुशी करने की कोशिश कर रही है।

जैसे ही राहुल ने मुझसे कहा खुदकुशी ये शब्द सुनकर मेरे हाथ पैर कांपने लगे क्योंकि जब मैं एक बचा था। तबसे मैंने इस शब्द को कभी नहीं सुना था। हाँ, मैं बहुत डरा हुआ था जब मेरे दादाजी ने खुद को फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। और मैं ही था उन्हें पहली बार फांसी पर लटका हुआ देखा था।

क्योंकि फांसी पर लटकते हुए दादाजी मेरी तरफ आ रहे थे। राहुल तेजी से चिल्ला या और चाची, तुम ये क्या कर रही हो? तुम नदी के नीचे क्यों कूद रही हो? उतरो, वहाँ से गिर जाओगे? राहुल की आवाज सुनकर मैं होश में आया।

उस औरत को बचाने के लिए उसके बहुत करीब पहुंच गया था। घटना को देखते हुए हम भी राहुल के साथ उस औरत के पास पहुंचने वाले थे लेकिन औरत नदी में डूब रही थी और जोर-जोर से सीख रही थी बचाओ बचाओ हम सिर्फ डूबते हुए उसे देखते थे क्योंकि हमारे अंदर में उतना ही मत नहीं था कि हम उस औरत को बचाए हम पहले से ही डरे हुए थे।

लेकिन औरत एक ही रट लगाए हुए जा रही  थी कि हमें बचाओ फिर राहुल अपने टीशर्ट को उतारता है और पुल की रेलिंग पर चढ़कर नदी के अंदर छलांग लगा देता मैंने राहुल को बहुत समझाया कि राहुल यह गलत काम कर रहे हो इतनी रात को यह करना ठीक नहीं है क्योंकि हमारे साथ कोई नहीं है।

राहुल जैसे हैं उस नदी में कूदा उसने अपने आसपास देखा तो वहां पर कोई औरत दिखाई नहीं दे रही थी राहुल ने सोचा कि लगता है औरत अब डूब चुकी है राहुल ने लड़की को खोजने के लिए नाक बंद कर कर गहरी सांस लें और पानी के अंदर डुबकी लगा दे जब राहुल पानी के ऊपर आया तो देखा कि लड़की अभी तक दिखाई नहीं दी राहुल बहुत कोशिश किया उस लड़की को खोजने के लिए लेकिन लड़की कहीं दिखाई नहीं दी।

इस घटना को देखकर मैं थम सा गया था मैंने अपनी आंखें बंद कर कर भगवान से प्रार्थना की यही जैसे मैंने अपने आप को खोलो तो मेरे बगल के ही पुल की रेलिंग पर औरत बैठी थी औरत वही थी जो कुछ देर पहले नदी में छलांग लगाई थी वैसा बैठी थी जैसे मानव कोई जंगली जानवर पुल की रेलिंग पर बैठा हुआ हैं और नदी में राहुल की तरफ देख रही थी।

मैंने मन ही मन सोच रहा था कि यार यह सब हो क्या रहा है मेरे को अब डर लगने लगा था और मुझे आभास हो रहा था कि औरत नहीं बल्कि कोई प्रीत है मैं डर के मारे कांपने लगा और जोर जोर से आवाज लगाकर चलाने लगा।

मैं जोर-जोर से चिल्ला रहा था खिलाते हुए देखकर मेरी तरफ देखा वह जैसे हमारे और देखी मेरा सिर पैर तक आपने लगा मानो मेरे शरीर के अंदर में खून ही नहीं है चेहरा बिल्कुल काला सा हो गया मेरी आंखें पीली हो गई थी मैं बोलूं डर गया था। चुड़ैल का चेहरा देखकर मेरे को सांसे नहीं आ रही थी उसका चेहरा भयानक सा था नाक बड़ी बड़ी थी नाक की नथिया उसके नुकीली दांत के पास में चड्डी हुई थी दोनों साइड में निकली दाते निकली हुई थी हाथ और पैर का नाखून ऐसे लग रहा था जैसे किसी मांस खाने वाले जंगली जानवर के नाखून हैं।

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चुड़ैल-वह लड़का क्या मुझे ढूंढ रहे हो हंसते हुए चुड़ैल बोली।

जब मैं यह शब्द को सुना मेरा दिलबर से जलने लगा मैंने राहुल कुछ लाकर कहा राहुल जल्दी से पानी से बाहर आओ यह तो चुड़ैल पानी के ऊपर बैठी है तुम जल्दी बाहर आओ वरना तुम्हें भी पानी के अंदर लेकर चली जाएगी।

राहुल इस घटना को देखकर पूरी तरह से डर गया था उसके हाथ पैर सुन हो गए थे अब राहुल को एहसास हो गया था जो नदी से बाहर नहीं निकल पाएगा क्योंकि राहुल नदी के ठीक बीचोबीच पानी में था।

जैसे ही राहुल को हमने पानी से बाहर निकलने के लिए बोला चुड़ैल मेरे तरफ देख कर मुस्कुराए और तुरंत पानी के अंदर छलांग लगा दी। राहुल आखिरी बार चलाया और चुड़ैल उसे पानी के अंदर अपने साथ लेकर चली गई कुछ देर तक पानी के अंदर बुलबुले निकलते रहे लेकिन धीरे-धीरे बुलबुले भी शांत हो गए।

मैं इस घटना को वह आंखें फाड़ कर देख रहा था मैं चाह कर भी कुछ नहीं कर पाता राहुल को पुकारते रहा इतने में नदी के पानी के ऊपर में हमें खून दिखाई दिया मेरी आंखों में आंसू आ गए हमें समझ गया क्यों चुड़ैल ने सूरज को मार दिया है सदमा बर्दाश्त क्योंकि मेरे आंखों के सामने मेरे सबसे जिगरी दोस्त राहुल अब इस दुनिया में नहीं है मेरी आंखों के सामने अंधेरा सा छा गया मैं उसी जगह पर बेहोश हो गया।

जब मुझको होश आता है तब तक सुबह हो चुकी चार पांच लोगों से घिरा हुआ था उस पर काफी लोग आए थे भीड़ लग चुकी थी लोग पुल के नीचे जाकर देख रहे थे मैं उनके पास गया पानी में नदी के किनारे मेरे दोस्त राहुल की लाश तैर रही थी।

उस चुड़ैल ने बड़ी बेदर्दी के साथ राहुल के सीने से दिल निकाल ली थी चेहरा भी नाखून से रगड़ हुआ था। मेरा सबसे अच्छा और प्यारा दोस्त मुझे छोड़कर चला गया था उस दिन मुझे काम ही गांव के लोगों से पता चला कि इस नदी में 100 साल पहले से किसी चुड़ैल का बास था इस बात को हमें पहली बार पता चला वरना हम दोनों दोस्त इस गांव की तरफ कभी नहीं आते।

लोगों ने मुझे बताया कि असल में एक बार की बात है कि अंग्रेजी जमाने में एक अंग्रेज अफसर ने सुंदरा नाम की एक औरत का बलात्कार किया था इस बलात्कार की खबरें आसपास की हर गांव में फैल गई थी। इसी कारण से सुंदरा से गांव की कोई भी औरत उससे बात नहीं करती थी सबको यही कहता था। कि उसकी पवित्रता नष्ट हो चुकी है। गाव जवार के लोग हर दिन उसे ताना मारते थे। इस सदमे को सुंदरा के पति ने बर्दाश्त नहीं किया, वह सुंदरा को भी वह छोड़ दिया सुंदरा अपने पति को छोड़कर अपने गांव कामी वापस लौट गई। सुंदर आगे इसी गांव में उसका मायके था।

सुंदरा जब गांव पहुंची थी तब भी वहां पर बेइज्जती झेलना पड़ा था हर दिन लोगों के ताने सुनकर सुंदरा दुखी रहती थी इसलिए 1 दिन पूर्णमासी की रात सुंदरा ने गांव के ही St. Jorje Bridge से कूदकर नदी में खुदकुशी कर ली मरने के बाद वह चुड़ैल बन गई सुंदरा पूर्णमासी की रात ब्रिज पर आती है और लोगों को अपना शिकार बनाती है।

गांव के कुछ लोग यह भी कहते थे किस सुंदरा बुजुर्ग और सोपुर सोया लड़कों का दिल खाने के बाद वह चुड़ैल फिर से एक सुंदर औरत बनने वाली थी इसीलिए वह सिर्फ पुरुषों और लड़कों को ही अपनी चपेट में लेती थी और उसका शिकार कर दिल को कच्चा चबा जाती थी।

मेरे दोस्त राहुल के मरने के बाद काम ही गांव के उस पुल पर आज तक वह चुड़ैल दिखाई नहीं दे मैंने बहुत से लोगों से बात किया कि क्या वह चुड़ैल अब दिखाई देती है लोग यही कहते हैं कि शायद आपका दोस्त राहुल उस चुड़ैल का आखिरी शिकार था अब वह चुड़ैल दिखाई नहीं देती लोग यह भी कहते हैं कि अब वह शायद जिंदा स्त्री बन गई और किसी पुरुष के साथ में शादी विवाह कर अपने जीवन को जी रही होगी

Conclusion

इस Story for Reading in Hindi से हम सभी को यही सीख मिलता है कि बिना जाने पहचाने जगह पर नहीं जाना चाहिए जिस जगह पर हम जा रहे हैं उस जगह के बारे में हमें पूर्व से पता होना चाहिए कि यह जगह कैसा है इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि बिना कहे कहीं पर नहीं जाना चाहिए.

और जो व्यक्ति हमें यह समझा रहे हैं कि आप वहां पर ना जाओ तो उसके बातों को भी ध्यान से सुनना चाहिए और उस पर विचार करना चाहिए। यदि हम किसी की बात को नहीं सुनते हैं और नहीं समझते हैं तो हमारे सामने कुछ ही दिन और घंटों में एक बीपत खड़ा हो जाता है जिसे चाह कर भी हम टाल नहीं सकते इसीलिए आप सभी से एक बार फिर से कह रहा हूं इस horror stories in hindi real story के माध्यम से कि आप लोग कभी भी घर से बाहर निकले तो अपने परिवार और फैमिली को बता कर ही निकले

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