पति पत्नी के दर्दनाक इमोशनल कहानी | emotional story short in hindi

दोस्तों, आज की कहानी एक ऐसे पति पत्नी के जोड़े की जिंदगी पर बीती हुई दर्दनाक कहानी है जिसे पढ़कर मेरी आँखों में भी आंसू आ गए। आप से गुजारिश है की इस emotional story short in hindi कहानी को पूरा पढियेगा बहुत ही जबरदस्त कहानी है। इस कहानी में में आपको अनेको ऐसे मोड़ मिलगे जिन्हे पढ़कर आप भी इमोसनल हो जाइएगा।

चलिए दोसतो अब इस कहानी को स्टार्ट करते हैं जिसका शीर्षक हैं emotional story short in hindi जो यह कहानी पति पत्नी के जोड़े की जिंदगी पर आधारित है। बेहद ही भावपूर्ण और इमोशनल कहानी हैं, बहुत ही अच्छ लगेगा।

मुझे पहले लड़के के तस्वीर दिखाओ माँ फिर मैं फैसला करूँगी यहाँ या ना का। माँ ने रीता की तरफ देखा अच्छा हम तुम्हारे लिए क्या कोई अच्छा लड़का नहीं देखेंगे? रीता गुस्से से बोली माँ बस लड़का देखना है मुझे उसकी तस्वीर मंगवाले या लड़के को यही बुला लो….

माँ ने डांटा पागल है शर्म नहीं आती चल दफा हो जाओ अपने कमरे में, बाबा भी आ गए। क्यों डांट रही हो मेरी बच्ची को? रीता बाबा के पास गई और जाकर कहने लगी बाबा मुझे लड़का देखना है। बाबा ने मुस्कुराकर कहा हाँ बेटी तुम्हारी मर्जी से ही करेंगे शादी कल मैं उसकी तस्वीर मंगवा लूँगा, लड़के का अपना होटल है, पढ़ा लिखा है, प्यारा है। लेकिन रीता को तो लड़का देखना था।

लड़का तो प्यारा है। रीता ने हाँ कर दी। 10 दिनों में ही रीता की शादी हो गई। रीता का हमसफ़र सुशील ऑरेंज मैरेज थी। ना कभी मुलाकात हुई ना कभी कोई बात। कभी एक दूसरे को मिले भी नहीं। ये ऐसा पवित्र रिश्ता होता है दो अजनबी एक जान हो जाते हैं जो कभी जिंदगी में मिले भी ना हो। दो पल भर में एक दूसरे की जान बन जाते हैं। पहली रात थी सुशील कमरे में आया, हाथ में आइसक्रीम पकड़ी हुई रीता नजरें झुकाए बैठी थी।

आइसक्रीम तो रीता की फेवरेट थी। सुशील को नमस्ते की, सुशील पास बैठ गया, सुशील थोड़ा सा शर्माता भी था, आइसक्रीम खाते हुए बोला। जीतने पैसे शादी पर खर्च किए इतने की काश मैं आइसक्रीम खा लेता रीता का घूँघट उठा कर बोला आप आप खाओगी पहले तो रीता ने शर्माते हुए मना कर दिया फिर सुशील ने प्यार से कहा खाली प्यार बढ़ेगा रीता को आइसक्रीम दी और खुद भी खाने लगा। रीता सारी आइसक्रीम खा गई।

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सुशील ने जब पूछा आइसक्रीम पूरी खत्म कर दी, रीता मुस्कुराने लगीं, वो तो मैं खा गयी सुशील भी मुस्कुराने लगा बहुत कंजूस हो आप पहले कहती नहीं खाती और अब देखो सारी की सारी खा गयी हो। यह आइसक्रीम 50-50 की थी, रीता सुशील को पहली ही रात, इतना तो समझ गयी थी कि सुशील दिल का बहुत अच्छा है। रातभर मोहब्बत भरी बातें होती रही। जिंदगी अपनी असल मंजिल की तरफ मुड़ गई थी।

वक्त गुज़रने लगा, रीता के भाई की शादी थी। रीता चार महीने की प्रेग्नेंट भी थीं। रीता ने सुशील से कहा, मुझे भाई की शादी में जाना है। सुशीला ने रीता के पास बैठकर बोला, रीता डॉक्टर ने आपको लंबी यात्रा करने से मना किया, इसलिए मैं कोई रिस्क नहीं लेना चाहता। मैं नहीं इजाजत दे सकता शादी में जाने की। रीता को बहुत गुस्सा आया सुशीला पागल हो गए हो क्या? मेरे भाई की शादी है और आप कह रहे है की नहीं जाना।

आप मुझे कार में बैठाकर आराम से छोड़ कर आ जाए। बस सुशील ने रीता का हाथ पकड़ा। मोहब्बत से फिर समझाने लगा रीता क्यों बेकार की जिद करती हो। डॉक्टर ने यात्रा करने से मना किया है तो मैं नहीं जाने दे सकता। तुमको तुम लापरवाह हो जाती हो और मैं तुमको किसी के भरोसे नहीं छोड़ सकता। इतना कहकर सुशील कमरे से बाहर चला गया।

रीता रोने लगी। रीता ने अपनी माँ को फ़ोन किया सुशील मना कर रहा है शादी में आने के लिए माँ ने समझाया बेटा अगर वो कह रहा है तो मत ही आओ  लेकिन रीता की लेकिन रीता की भाभी और भाई जिद करने लगे।

क्यों नहीं आने दे रहा है सुशील हमारी बहन को? वो रात को आए, सुशील भी घर पर था। कहने लगे की मेहेंदी है तीन ही बात है अमृता को लेने आए हैं। सुशील ने रीता की तरफ देखा है रीता मैंने क्या कहा था तुमसे रीता ने नजरें झुका लीं, कमरे में चली गई। उठकर सुशील को गुस्सा तो बहुत था लेकिन ये सब्र कर लिया। 1000 रुपया जेब से निकाले, रीता को दिए ये कुछ पैसे रख लो बाकी और चाहिए तो ले लेना, मैं आऊंगा कल रीता बहुत खुश थी। सुशील ने अपने सीने से लगा या रीता को अपना ख्याल रखना रीता फिर रीता शादी में चली गयी।

मेहंदी की रात रीता की बुआ की लड़की भी आई हुई थी। डांस भी किया, काफी एन्जॉय किया बारात वाले दिन जब भाई की बारात लड़की वालो के घर पहुंची तो बारिश हो रही थी। गले में काफी कीचड़ था, रीता का पांव फिसला गिर गई। गिरते ही उसके पेट में दर्द होने लगा। रीता ज़ोर ज़ोर से रोने लगी। जल्दी से रीता को अस्पताल ले गए। रीता दर्द से चिल्ला रही थी। सुशील को कॉल की रीता के बारे में बताया। सुशील घबरा गया, वो जल्दी से अस्पताल पहुंचा। डॉक्टर रीता को इमरजेंसी वार्ड में ले गए थे। सुशील बहुत परेशान था।

दिल की धड़कनें बेकाबू थी, जुबान पर ईश्वर का जाप था। बाकी सब लोग शादी की खुशियों में मग्न थे, लेकिन यहाँ सुशील परेशान खड़ा था। कुछ देर बाद डॉक्टर कमरे से बाहर आये। उन्होंने सॉरी कहते हुए बताया आपका बच्चा मर चुका है। सुशील बेजान सा होकर कुर्सी पर बैठ गया है। भगवान से हिम्मत मांगकर जल्दी से वार्ड में गया। रीता रो रही थी। सुशील को देखकर मुँह मोड़ लिया। सुशील पास बैठ गया, सर पर हाथ फेरने लगा। अच्छा चल चुप कर मेरी सोनी रोना बंद कर बस ऊपर वाले की मर्जी थी। रीता फूट फूटकर रोने लगीं।

सुशील मुझे माफ़ कर दें, मुझसे गलती हो गयी। सुशील ने आंसुओं से भीगी हुई पलकों को चुम लिया। अरे बस बस मेरी जान रोते नहीं है, बस ऊपर वाले की मर्जी थी चुप हो जाऊं रीता खुद को गुनहगार समझ रही थी अपने बच्चे और सुशील का सुशील समझने लगा रीता का सर अपनी गोद में रख लिया चुप हो जाए मेरी सोनी सोनी रो मत अब देख मैं तेरे पास हूँ रीता को लेकर घर चला गया।

शादी खत्म हुई, सब घर आ गई। रीता का हाल पूछने रीता खुद पर इलज़ाम दे रही थी, मुझे रोका था सुशील ने माँ लेकिन मैं जिद करती रही शादी में जाना है अगर मैंने इनकी बात मान ली होती तो आज शायद मैं अपना बच्चा ना खोती।

सुशील समझ रहा था रीता दिल ही दिल में खुद को कसूरवार ठहरा रही है। इसलिए सुशील प्यार से समझाता रहा रीता को अरे पागल है खुद को परेशान न कर ऊपर वाले की मर्जी थी ना ऊपर वाले ने जहाँ तो हमें फिर से औलाद जरूर देगा रीता सुशील की आँखों में देख रही थी। सुशील आप इतने अच्छे है, मुझे डाटा नहीं है, आपने कुछ कहा नहीं, सुशील ने लंबी सांस ली। मुस्कुरा कर बोला, जब तुमने मेरी बात मानी ही नहीं थी तो रीता अब कुछ कहने का क्या फायदा? रीता समझ रही थी सुशील का खामोश गुस्सा।

1 साल बाद फिर ऊपर वाले ने उनको बेटा दे दिया। सब बहुत खुश थे। सुशील बांहों में उठाकर झूमने लगा। अपने बेटे को रीता बेड पर लेटी सुशील की आँखों में बेटे की मोहब्बत में निकलते आंसू देख रही थी। ज़िंदगी में अच्छे दिन आते हैं, लेकिन अक्लमंद वही होता है जो खुद को हालात में ढाल लेता है।

सुशील के दो भाई जो सुशील से अमीर थे, उन दोनों भाइयों का अपना अच्छा खासा बिज़नेस था लेकिन सुशील का छोटा सा होटेल था जिससे बस गुज़ारा हो रहा था। रीता ने जिद की सुशील बच्चे को गर्मी लगती है। इसलिए यह बहुत रोता है। मुझे कमरे में एसी लगवा कर दें।

सुशील ने शिर पर हाथ रखा। अरे रीता पागल हो गयी हो क्या? मेरे पास नहीं है इतने पैसे एसी के लिए, रीता ने जिद की मुझे ऐसी चाहिए बस कमरे में सुशील अपने बेटे को सीने पर लेटाकर खेल रहा था उसके साथ। रीता बस एसी लगवाने की जिद किए बैठी थी। सुशील ने रीता का हाथ पकड़ा, अपने करीबी किया रीता पता नहीं क्यों इतनी चिंदी हो तुम लगवा दूंगा AC ये लो सो गया है मेरा राजकुमार इसको लेटा दो।

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Emotional Story Short in Hindi

2 साल बाद ऊपर वाले ने एक बेटी भी दी वे दोनों बहुत खुश थे। हर अच्छी बुरी ख्वाहिश पूरी करता था सुशील लेकिन फिर भी छोटी छोटी बातों पर उनमें झगड़ा रहता ही था। बेटा 4 साल का हो गया था। बेटी छोटी थी, सुशील का होटेल का काम अच्छा नहीं चल रहा था। सुशील कुछ परेशान था, घर आया देखा बेटे ने उसका लैपटॉप तोड़ दिया था। प्रीति मोबाइल पर लगी हुई थी।

सुशील ने देखा लैपटॉप टूटा हुआ पड़ा है। सुशील चिल्ला कर बोला, रीता ये क्या है? रीता ने देखा ये आपके लाडले ने तोड़ा है। सुशील गुस्से में पहले ही था, रीता को गाली देकर बोला तुम्हारा दिमाग काम नहीं करता। इसमें मेरा सारा डेटा था। तुम पागल हो क्या?

जाओ खाना लेकर आओ उठ जाओ रीता गुस्से में गोली सुशील में नौकरानी नहीं हूँ, सारा दिन बच्चों को संभालू और फिर तुम मुझे गाली दो, सारा दिन इतना काम करो और कदर इतनी सी है, गाली दे रहे हो? रीता खाना लेकर आयी बैंगन बने हुए थे। सुशीला ने बैंगन देखें चिल्ला कर बोला तुम्हारा दिमाग खराब है, तुमको कितनी बार समझाया है मैं बैगन नहीं खाता। सुशील ने खाना उठाकर फेंक दिया। उठकर बाहर चला गया। इतने में बेटे ने कांच का गिलास तोड़ दिया, जो हाथ पर लग गया।

काफी खून बहने लगा था। हाथ से रीता ने बेटे को एक दो थप्पड़ लगा दिए। बहुत तंग आ गई हूँ मैं तुम बाप बेटे से बेटे को उठाकर कमरे में ले गयी, रो रही थी। साथ ही उसे मैं बोल रही थी। 5 साल हो गए इस इंसान के साथ बड़ी कदर ही नहीं है बेटे के जख्म पर मरहम लगाने लगी। इतने में बेटी भूख से रोने लगी, बेटी को गोद में उठाया। इस इंसान की ऐसी हरकतें रही तो गुज़ारा मुश्किल हो जाएगा। रात भर सुशील गायब रहा रीता ने भी फ़ोन करके ना पूछा। रीता ने अपनी माँ को बताया सुशील आजकल ना खर्चा दे रहा है, ना अच्छे से बात करता है, गालियां देता है।

माँ ने कहा अच्छा हम करते है बात उससे सुशील को महसूस हुआ, उसने अच्छा नहीं किया रीता के साथ। आज घर जाकर रीता को सॉरी करूँगा, घर आया देखा घर में रीता के माँ बाप, चाचा सब आकर बैठे हुए थे। सुशील ने रीता की तरफ देखा रीता खामोश रही, नमस्ते किया। उसके बाद बात तो शुरू हो गई। माँ चिल्ला कर बोली क्यों बेटा तुम खर्चा नहीं देते हो रीता को क्यों गालियां देते हो? सुशील को बहुत गुस्सा आया। घर की बात ही हम दोनों सुलझा लेते। सुशील ने गुस्से से कहा इसको सब कुछ देता हूँ, ये बस तमाशा लगाना चाहती हैं।

रीता भी गुस्सा थी वो भी गुस्से में। बोली क्या देते है? वो महीने में 10,000 देते हो, जिसका दोनों बच्चों का दूध भी पूरा नहीं होता। एहसान करते हों मुझ पर। तुम्हारे बच्चों पर खर्चा करती हूँ। बहस इतनी बढ़ गयी कि सबके सामने सुशील ने रीता को थप्पड़ मार दिया। रीता की माँ को बर्दाश्त नहीं हुआ। वो अपनी बेटी को साथ ले गई। दोनों बच्चे भी साथ ले गई।

सुशील ने भी ना रोका उन्हें रीता नाराज होकर चली गई। रीता को थप्पड़ ज्यादा ज़ोर का लगा था। निशाना बन गया था। चेहरे पर माँ भी रोने लगी, न जाने पहले भी कितना जुल्म करता होगा मेरी बेटी पर कमीना इंसान।

सुशील पहले से ही अपने होटल की वजह से परेशान था। काम ना होने की वजह से और अब ये परेशानी बन गई। रीता मायके में थी, सुशील यहाँ था, घर में परेशान था। हालात इतने खराब हो गए। सुशील को अपना होटल बेचना पड़ा। दो महीने गुजर गए। दोनों ने एक दूसरे से बात तक न की। दोनों गुस्से में थे। सुशील कहता खुद गई है खुद वापस आये रीता की अकड़ थी, मनाने आएगा तो जाऊँगी। दिन गुजरते गए आठ महीने गुजर गयी, कोई बातचीत नहीं हुई। सुशील के एक दोस्त ने सुशील से कहा, विदेश जाना है तो बताओ, मेरे पास एक ही वीज़ा है।

हालात काफी बुरे थे, सुशील विदेश चला गया, नंबर बंद हो गया। 1 साल गुजर गया दोनों ने कोई बात ना की, एक दूसरे के साथ रीता भाई से खर्चा लेती बच्चों के दूध का या फिर दूसरी जरूरी सामान का। भाई कब तक दे सकते थे खर्चा? उनके भी अपने बच्चे थे। कभी रीता के बच्चे कोई नुकसान कर देते, कोई चीज़ तोड़ देते तो रीता की भाभी हजारों बातें करती, ताने देती थी, रीता चुपचाप सुन लेती थी क्या करती है आखिर किसी को कुछ बताती भी न थी दीपावली का दिन था। रीता ने भाई से कहा पैसे दे दो बच्चों को शॉपिंग करवानी है।

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भाभी पास से बोली बहन साफ सी बात है हमारे पास फालतू के पैसे नहीं हैं, उसी इंसान के साथ गुज़ारा नहीं तो तलाक लेकर किसी दूसरे से शादी कर लो। जाओ यहाँ से। रीता उस दिन बहुत रोई थी, उसे एहसास होने लगा था। सुशील तो मेरे सर का ताज है। सुशील दुबई में बच्चों को याद कर बहुत रोता था, रीता पागल बात कुछ थी नहीं और तुने यह क्या कर दिया? उधर, रीता के भाई ने रीता के लिए एक आदमी देखा जिसकी पत्नी की मृत्यु हो चुकी थी। चार बच्चे थे। उसके भाई ने रीता से कहा बस सुशील से तलाक ले लो। इस आदमी से शादी करके घर बसा लो अपना।

रीता की आंखें भीग गयी थी आंसुओं से। जल्दी से मोबाइल निकाला, सुशील को फ़ोन लगाया, नंबर बंद आ रहा था, रीता रोने लगी। मुझे सुशील के पास ही जाना है, मुझे कोई शादी नहीं करनी किसी से। उधर सुशील का भी दिल तडपा उसने सोचा मेरी रीता तो मासूम सी है थोड़े से गुस्से पर नाराज हो जाती है ना? खुद ही माफी मांग लूँगा अपनी जान से। वो टिकट करवा कर हिंदुस्तान वापस आ गया। रीता रो रो कर भगवान से अपने पापों अपनी गलती की माफी मांग रही थी के ऊपर वाले मुझे माफ़ कर दें, मुझे मेरा सुशील वापस कर दें।

रातभर रोती रही, सुबह बेटे को नाश्ता करवा रही थी के दरवाजे पर घंटी बजी, भाभी ने दरवाजा खोला, सामने देखा, सुशील खड़ा था। रीता की नजर पड़ी सुशील पर हाथ से दूध का कप छूट गया। नंगे पांव दौड़ते हुए जाकर सुशील के सीने से जा लगी चीख चीखकर रोने लगी, सुशील मैं बहुत प्यार करती हूँ तुमसे।

सुशील के पांव पकड़ लिए माफ़ कर दो सुशील।  सुशील ने रीता का माथा चूमा आंसू साफ किया। तुम भी माफ़ कर दो मेरी जान मैंने गुस्से में ज्यादा बोल दिया था। बच्चों को सीने से लगाया सुशील प्यार करने लगा।

रीता के भाई और भाभी की आँखों में आँखें डालकर गर्व से बोली मेरा परमेश्वर, मेरा हमसफ़र है मेरे पास आप लोगों का बहुत बहुत धन्यवाद। वो सुशील के साथ घर वापस आ गई। दोनों खुशी से सब बातें भूलकर जीने लगे लेकिन वो इस समाज को इतना बता गए। जज्बात में जुदा हो जाना बहुत आसान है लेकिन जुदा होकर जीना बहुत मुश्किल है।

जो धर्म एक हमसफ़र महसूस कर सकता है वो कोई और नहीं समझ सकता। गलत फैसला  लेकर जिंदगी बर्बाद ना करें। ये सब वक्त के साथ बदल जाता है। हाँ अगर नहीं बदलता तो हम सफर अगर कोई नाराज है या घमंड में हैं तो जाओ मना लो, राजी कर लो एक दूसरे को इससे पहले के फिर देर हो जाए। अगर मेरी कहानी किसी एक के भी दिल में घर कर गयी तो मेरा मकसद पूरा हो जायेगा। आज कल छोटी छोटी बातों पर घर उजड़ रहे हैं। अगर थोड़ी बर्दाश्त कर लें तो ऐसे घर ना उजड़े।

दोस्तों सही कहा ना मैंने। आपकी क्या राय है इस emotional story short in hindi कहानी के बारे में। आप कमेंट करके हमें जरूर बताएं ऐसे ही और अमेजिंग कहानियाँ पढ़ने के लिए आप हमारे पेज को विजिट करते रहिये।

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