Akshay Kumar IPL: भारतीय क्रिकेट प्रशासक अमृत माथुर ने अपनी नवीनतम किताब में एक अनोखा खुलासा किया है जिससे सभी हैरान हो गए हैं। इस खुलासे के अनुसार, सुपरस्टार Akshay Kumar ने 2009 में आयोजित IPL के दौरान delhi capitals की टीम को करोड़ों का नुकसान झेलकर उनकी मदद की थी।
आईपीएल के संवर्गीय दूसरे संस्करण में, अक्षय कुमार ने दिल्ली कैपिटल्स की फ्रेंचाइजी में शामिल होने का निर्णय लिया था। उनके साथ ही तब मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) के रूप में अमृत माथुर भी फ्रेंचाइजी के संचालन में शामिल थे। हालांकि, अनुप्रायणात्मक तथ्य है कि टीम को उनके सहयोगी संयोजकों के बावजूद वांछित परिणाम नहीं मिले थे।
अमृत माथुर ने अपनी किताब में व्यक्त किया कि इस घटना के परिणामस्वरूप, दिल्ली कैपिटल्स ने अपने ब्रांड को मजबूत करने का सुनहरा मौका गंवा दिया और वित्तीय दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यह खोज माथुर के द्वारा किए गए अनुसंधान के आधार पर प्रकट हुआ है।
Akshay Kumar ने IPL में दिल्ली कैपिटल्स की टीम को बचाया: अमृत माथुर का खुलासा
आखिरकार, अक्षय कुमार ने अपने संवलित योगदान के माध्यम से दिल्ली कैपिटल्स की टीम को उस समय की विपरीत परिस्थितियों से बाहर निकाला और उन्होंने टीम के अवसान को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस घटना का यह महत्वपूर्ण पहलू उनके व्यवसायिक और क्रिकेट सम्बंधित दोनों क्षेत्रों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।
इस खुलासे के साथ ही, अमृत माथुर ने क्रिकेट और फिल्म उद्योग के बीच मजबूत जुड़ाव के बारे में भी बात की है, जिससे दिखता है कि इन दोनों क्षेत्रों के बीच संबंध और भी गहराई प्राप्त कर रहे हैं।
डेयरडेविल्स ने अक्षय कुमार के साथ किए गए समझौते की वजह पर किया खुलासा: अमृत माथुर
भारतीय क्रिकेट प्रशासक अमृत माथुर ने अपनी आत्मकथा ‘पिचसाइड: माई लाइफ इन इंडियन क्रिकेट’ में बताया है कि कैसे अक्षय कुमार के साथ डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स) ने 2009 में किए गए समझौते के कारण एक करार किया था। इस समझौते की वजह से टीम ने करोड़ों का नुकसान झेलने से बचाया हुआ था।
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माथुर के अनुसार, अक्षय कुमार ने उन समय दिल्ली कैपिटल्स के साथ प्रमोशनल फिल्में शूट करने, मीट एंड ग्रीट इवेंट्स में शामिल होने और कॉर्पोरेट इवेंट्स में उपस्थिति दर्ज कराने के लिए तीन साल का समझौता किया था। हालांकि, इस समझौते के बावजूद कुछ भी संपान नहीं हुआ था। इसके परिणामस्वरूप, डेयरडेविल्स ने अपने ब्रांड को मजबूत करने का मौका खो दिया और वित्तीय तंगी का सामना करना पड़ा।
अक्षय के साथ हुए समझौते में विफलता के बाद, डेयरडेविल्स के वित्तीय घाटों ने उन्हें अनुबंध को रद्द करने का फैसला किया था। माथुर ने लिखा कि डेयरडेविल्स के वकीलों ने अक्षय के कर्मचारियों से बातचीत की लेकिन कोई समाधान नहीं मिला।
माथुर ने जोड़ते हुए कहा, ”डेयरडेविल्स के परिप्रेक्ष्य से देखा जाए तो अक्षय के साथ किए गए समझौते को एक बड़े नुकसान या गली-छक्का योजना के रूप में माना जा सकता है। उनकी वित्तीय स्थिति और लोगों के विश्वास की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए अक्षय को एक दोपहर लग गया था। डेयरडेविल्स जानते थे कि उनके पास कोई कानूनी विकल्प नहीं था, इसलिए उन्होंने अक्षय के प्रति दया दिखाने का प्रयास किया।”
अक्षय के अनुबंध में कड़ी शर्तें थीं
अनुबंध से बाहर निकलने का रास्ता उम्मीद से कहीं ज्यादा मुश्किल था। उनकी करियर की बढ़ती हुई पॉपुलैरिटी के बावजूद, डेयरडेविल्स के साथ उनके अनुबंध में कड़ी शर्तें थीं।
अक्षय ने मामले को ऐसे समाप्त किया
अमृत माथुर की आत्मकथा ‘पिचसाइड: माई लाइफ इन इंडियन क्रिकेट’ में दिखाया गया है कि कैसे अक्षय कुमार ने उनके साथ किये गए समझौते को समाप्त किया। माथुर के अनुसार, उन्होंने अक्षय के साथ संपर्क करके इस मामले को निपटाने की शुरुआत की और इस बातचीत के परिणामस्वरूप हुए घटनाक्रम ने उन्हें अचंभित कर दिया।
माथुर ने आगे लिखा, ”अक्षय के शॉट के बाद, हम उनकी वैनिटी वैन में पहुँचे। मैंने आत्म-संकोच में उनके साथ बात करने की शुरुआत की। मैंने उन्हें बताया कि मैं उनके पास क्यों आया हूँ। वित्तीय समस्याओं की वजह से फ्रैंचाइजी को काफी परेशानी हो रही थी। उनके वकीलों ने समस्या के बारे में बात की थी। उन्होंने तब कहा, ‘कोई बात नहीं जी। अगर यह संभव नहीं हो रहा है, तो हम इसे बंद कर देंगे।’ मेरे मन में यह ख़याल आया कि मैंने शायद उन्हें सही तरीके से समझाया नहीं। मैं थोड़ी भ्रमित दिखाई दिया, और उन्होंने मेरे भ्रम को देखकर व्यक्त किया, ‘कोई बात नहीं, हम इसके लिए वकील से मिल कर देखेंगे।’ मैंने जब अनुबंध की कड़ी शर्तों की बात की, तो उन्होंने मुझे आत्म-संशायीत करते हुए कहा, ‘कोई बात नहीं, मैं वकील को बता दूंगा।’ ”
इस घटनाक्रम से स्पष्ट होता है कि अक्षय कुमार ने अपनी सकारात्मक और सहानुभूति भरी मानसिकता के साथ डेयरडेविल्स की समस्याओं का समाधान किया और मामले को समाप्त किया।