मूल्य का अर्थ और परिभाषा What is the meaning and definition of value in Hindi
मूल्य का अर्थ और परिभाषा |
बाजार मे मूल्य निर्धारण की प्रक्रिया एवं नीतियां महत्वपूर्ण स्थान रखती है। एक व्यावसायिक संस्था की उन्नति एवं गिरावट मूल्य निर्धारण नीतियों पर निर्भर करती है। इसीलिए बाजार के किसी भी अध्ययन में मूल्य निर्धारण, वस्तु के मूल्य का अभिप्राय उस मुद्रा राशि से लिया जाता है जो किसी क्रेता को वस्तु के बदले में देनी होती है। अर्थात किसी वस्तु को खरीदने के बदले कोई खरीदार उस विक्रेता को जो मुद्रा (पैसा) देता है वही उस वस्तु का मूल्य होता है।
उदाहरण के लिए, एक किलो गेहूं का मूल्य 20 रुपये देना पड़ता है तो उस गेहूं का मूल्य 20 रुपये हुआ।
व्यवहार में मूल्य अनेक प्रकार के होते हैं। In practice, there are many types of values.
✔️ फुटकर मूल्य retail price
✔️ थोक मूल्य Wholesale prices
✔️ अंकित मूल्य Face value
✔️ क्रय मूल्य purchase price
✔️ विक्रय मूल्य selling price
✔️ उचित मूल्य fair price
✔️ चोर बाजारी thief market
बाजार का कार्य Function of market in Hindi
मुद्रा के प्रचलन के पूर्व वस्तु का मूल्य वस्तु में व्यक्त किया जाता था। वस्तु के बदले वस्तु का विनिमय प्रत्यक्ष विनियम या बार्टर Bartet कहा जाता था।
अर्थशास्त्र में मूल्य का अर्थ सैद्धांतिक दृष्टी से दो अर्थों में प्रयोग किया जाता है।
विनियम मूल्य (Value in Exchange)
उपयोग मूल्य (Value in Use)
विनियम मूल्य का मतलब उस मूल्य से होता है जिस पर वस्तुएँ एवं सेवाएं खरीदी एवं बेची जाती हैं। जबकि उपयोग मूल्य का आशय वस्तु या सेवा मे उपयोगिता से है।
मूल्य निर्धारण का उदेश्य Aim of Price
मूल्य निर्धारण का आशय उस निर्णय से है जिससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि वस्तु या सेवा को किस मूल्य पर बेचा जाए।
सामन्यतः एक व्यापारी का यह लक्ष्य रहता है कि वह अधिकतम लाभ को कमाये। वह यह सोचता है कि उसके वस्तु का विक्री अधिक हो और उससे ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाए। लेकिन विक्री की मात्रा उत्पादन की गुणवत्ता, रंग, रूप, विक्रय कला, विज्ञापन आदि अनेक तत्वों पर निर्भर करता है।
किन्तु सर्वाधिक प्रभावकारी तत्व मूल्य (Price) है जो ग्राहको (Customers) को प्रभावित करते हैं।
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बाजार का अर्थ एवं परिभाषा Meaning and definition of Market in Hindi
बाजार का कार्य Function of market
एक व्यावसायिक संस्थान professional institution के लिय मूल्य निर्धारण के उदेश्य नामांकित होते हैं।
🔹एक व्यावसायिक इकाई का यह उदेश्य रहता है कि वह अपने लाभ को अधिकतम करे।
🔹व्यवसायिक संस्था का दीर्घकालीन(लम्बा समय) उदेश्य अनुकुल लाभ कमाना होता है।
🔹 व्यवसायिक इकाई का एक उदेश्य रहता है कि वह अपने लगता खर्च से ज्यादा लाभ कमाये।
🔹 कभी कभी व्यवसायिक इकाई ‘मूल्य’ द्वारा की गई कुल बिक्री में निश्चित हिस्सेदारी प्राप्त करना चाहता है।
🔹 मूल्य निर्धारण का उदेश्य कंपटीशन वाली वस्तुओ की मूल्य नीति को विफल करना और उनकी समानता करना होता है।
सामाजिक उत्तरदायित्व Social Responsibility को समझने वाली व्यवसायिक इकाइयों के मूल्य निर्धारण के उदेश्य निम्नलिखित होते हैं।
🔹 बाजार में मूल्य स्थिरता (Price Stabilisation) लाने में सहायता करना
🔹 समाज के प्रत्येक वर्ग को ध्यान में रखते हुए मूल्य निर्धारित करना, ताकि वह समान (वस्तु) को खरीद सके।
🔹 देश मे आर्थिक विकास Economic Development.की गति को तीव्र करना।
बाजार का वर्गीकरण और प्रकार Classification of market and kinds
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