शेयर बाजार में ऑनलाट्रेडिंग के क्या – क्या फायदे हैं ? ऑनलाइन ट्रेडिंग का पहला फायदा यह है कि ये सौदे ऑफलाइन सौदों के मुकाबले सस्ते पड़ते हैं। ब्रोकर ऑफलाइन सौदों के लिए रिलेशनशिप मैनेजर नियुक्त करते हैं, जो उसके ग्राहकों को खाता खोलने में मदद करने सहित अनेक प्रकार की सहायता करते हैं। ये ग्राहकों को शेयरों में निवेश करने की टिप्स देकर भारी कमाई तो करते ही हैं, ब्रोकरों को मिलने वाली दलाली में से कमीशन भी हासिल करते हैं।
Online trading in Hindi और offline trading क्या है?
यदि आप शेयर बाजार के निवेशक हैं या ट्रेडर हैं, तो आपके लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग online trading शब्द कोई नया नहीं होगा , परन्तु इस पर अमल कैसे किया जाए? यह महत्वपूर्ण है। साधारण शब्दों में ऑनलाइन ट्रेडिंग अर्थात् इंटरनेट की सहायता से खुद ही सीधे शेयरों के सौदे करने की सुविधा। यदि आप ब्रोकर के जरिए सौदे करते हैं, तो आपके सौदे होते तो जरूर ऑनलाइन हैं, लेकिन चूँकि वह किसी बिचौलिए के माध्यम से किए जाते हैं अतः इन्हें ऑनलाइन ट्रेडिंग नहीं कहा जा सकता। ब्रोकर इस सेवा के बदले आपसे दलाली भी लेता है। ऑनलाइन और ऑफलाइन के बीच मामूली सा अन्तर है और नई पीढ़ी को इसकी प्रक्रिया को समझना काफी महत्वपूर्ण है।
ऑफलाइन सौदे जब आप ब्रोकर के जरिए सौदे करते हैं, तब ब्रोकर को सौदे करने की सूचना किसी भी माध्यम से दें, ये ऑफलाइन ही कहलाएँगे। चूँकि आपने इन सौदों के लिए अपने कम्प्यूटर, मोबाइल या टेबलेट में स्थापित किए गए सॉफ्टवेयर का उपयोग नहीं किया है, इसलिए इसे ऑनलाइन ट्रेडिंग online trading in Hindi नहीं कहा जा सकता। ऑनलाइन ट्रेडिंग वह है, जब आप बिना किसी मध्यस्थ की सहायता के अपने कम्प्यूटर के जरिए सीधे सौदे करते हैं।
आज कल बहुत सारे बैंक और ब्रोकर है जो आपको online trading in Hindi के लिए बहुत सारे सुविधा उपलब्ध कराते है। App के माध्यम से आपको मोबाइल और Computer के जरिए सारी कार्यो को पूरा करा देते है। इसमे आपको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं होती है, बस कुछ document की फोटो की जरूरत पड़ती है। Demat Accaunt खुलवाने के समय, फिर इसके बाद आसानी से ऑनलाइन ट्रेडिंग कर सकते है।
ऑनलाइन ट्रेडिंग Online Trading in Hindi करने वाले अधिकतर ब्रोकर रिलेशनशिप मैनेजरों की नियुक्ति न करके एक केन्द्रीयकृत टीम स्थापित करते हैं, जो ब्रोकर के ग्राहकों को निवेश सम्बन्धी लगभग सभी सेवाएँ प्रदान करने के साथ उनकी समस्याएँ भी दूर करते हैं। निवेशक समस्याओं के निराकरण के लिए सीधे ब्रोकर से सम्पर्क कर सकते हैं। अपने सौदे सीधे अपने कम्प्यूटर, मोबाइल फोन, टेबलेट में डाउनलोड किए गए सॉफ्टवेयर से करने पर ग्राहक के हितों का टकराव रिलेशनशिप मैनेजर के हितों से टकराने का खतरा नहीं रहता।
फोन कॉल्स की रिकॉर्डिंग
ऑफलाइन सौदों में आपके ब्रोकर के पास फोन कॉल रिकॉर्डिंग की सुविधा होनी चाहिए व आपको यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि फोन पर आपके द्वारा की गई पूरी बात रिकॉर्ड होती है या नहीं, क्योंकि फोन के जरिए दिए गए ऑर्डर को आपके ब्रोकर ने ठीक वैसे ही माना है या नहीं, इस मामले में कोई भी विवाद होने की स्थिति में फोन पर की गई बातचीत की रिकॉर्डिंग के आधार पर विवाद का निपटारा किया जा सकता है।
मौखिक मंजूरी
Online trading in Hindi मे इस बात का ध्यान रखें कि ब्रोकर ऐसा कोई भी सौदा न करे, जिसकी आपने मौखिक रूप से सहमति न दी हो।
प्रमाण – पत्र एवं समीक्षा
आपके ब्रोकर के पास सभी आवश्यक प्रमाण – पत्र हैं या नहीं, इसे जाँचने के साथ इस बात का भी पता कर लें कि इस ब्रोकर के विरुद्ध कितनी तथा किस प्रकार की शिकायतें दर्ज हैं। यह बात विशेषकर याद रखें कि भले ही आप ऑनलाइन सौदे करना चाहते हैं फिर भी आपको ब्रोकर के पास खाता तो खुलवाना ही पड़ेगा। ब्रोकर आपको ऑनलाइन सौदे करने का सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराएगा। आप इस सॉफ्टवेयर केजरिए सौदे कर सकते हैं, लेकिन ये सौदे होंगे रूट ब्रोकर के माध्यम से ही। इस सुविधा के उपयोग online trading in Hindi के लिए ब्रोकर आपको यूजर आईडी, पासवर्ड सहित अन्य आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराता है।
online trading in Hindi इन्वेस्ट से पहले ब्रोकर को समझे।
सौदे ज्यादा तो दलाली क्या इस बात को उदाहरण के जरिए ठीक से समझा जा सकता है। समझो कि अन्य कर्मचारियों और मैनेजर सहित पूरी सेवाएँ प्रदान करने वाले ब्रोकर के पास आपका खाता है। थोड़े- बहुत मोल – भाव के बाद आपका ब्रोकर आपको इतनी कम दलाली ऑफर कता है , जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते, लेकिन शर्त यह लगा दी जाती है कि न्यूनतम कितनी रकम के सौदे होंगे अर्थात् जितनी ज्यादा रकम के सौदे, ब्रोकरेज की दर उतनी ही कम। इस तरह के ऑफर उन निवेशकों के लिए तो ठीक हैं।
जो अक्सर लेन – देन करते रहते हैं तथा जिनके सौदों की मात्रा ज्यादा होती है, लेकिन यदा – कदा सौदा करने वाले निवेशकों को तो ऊँची दर से ही दलाली चुकानी पड़ती है। केवल ऑनलाइन दलाल ही कम दर से दलाली लेते हैं। यदि आप ऑनलाइन ट्रेडिंग नहीं करना चाहते, तो आपको किसी ऐसे ब्रोकर के पास खाता खुलवाना चाहिए , जिसके ओवरहैड खर्चे कम हों। ऑनलाइन ट्रेडिंग के लिए पहले तो आपको ऑनलाइन ब्रोकर के पास खता खुलवाना होता है, जिसके लिए निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए।
सेफ्टी – ब्रोकर के पास खाता खुलवाने से पहले इस बात की पुष्टि कर लेनी चाहिए कि वह ब्रोकर शेयर बाजार की नियामक संस्था सेबी (सिक्योरिटीज एण्ड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इण्डिया) के यहाँ या कमोडिटी सौदों के मामले में कमोडिटी मार्केट की नियामक संस्था एफ. एम. सी. (फॉर्वर्ड मार्केट कमीशन) के यहाँ पंजीकृत है।
पारदर्शिता – ब्रोकर आपके व अपने बीच किए गए वायदों, सब कुछ निर्भर है आपकी जरूरत पर ये तमाम बातें आपकी जरूरत पर निर्भर हैं। यदि आप अपने वर्तमान दलाल से सन्तुष्ट हैं व उचित प्रतिफल हासिल कर लेते हैं, तो आपको अपना ब्रोकर बदलने की जरूरत नहीं है। परन्तु यदि आपको अपना खर्च घटाना है और अपने सौदे खुद करने की इच्छा है और इसके लिए आप अपना दलाल बदलने के विकल्प पर ध्यान केन्द्रित किए हुए हैं, तो आप निश्चित रूप से दलाल बदल सकते हैं।
Online trading in Hindi करने से पहले किन बातों पर ध्यान रखें।
हाँ, ऑनलाइन ट्रेडिंग online trading करने से पहले ये जरूर याद रखें कि इसके लिए आपको सतत रूप से मार्केट की ताजा जानकारी रखनी होगी व मार्केट के रुझान के मुताबिक सौदे भी करते रहने पड़ेंगे। यदि आप अपनी नियमित आजीविका के लिए अपने प्रोफेशन या नौकरी में व्यस्त रहते हैं, तो उनको इस काम के लिए समय निकालने में कठिनाई हो सकती है।
लेकिन यदि आप विशुद्ध रूप से निवेशक हैं और बाजार की रोज – रोज की घट – बढ़ पर चिन्ता किए बिना समय समय पर या मध्यम से दीर्घावधि में सौदे करते हैं, तो ऑनलाइन ट्रेडिंग करना आपके लिए श्रेष्ठ माध्यम है। online trading in Hindi इसके जरिए आप खुद कहीं से भी, जब चाहें तब सौदे कर सकते हैं। आने वाले समय में ऑनलाइन ट्रेडिंग का चलन बढ़ने वाला है।