SDN नेटवर्क क्या है? software defined networking in hindi
SDN एक कम्प्यूटर आधारित आर्किटेक्चर नेटवर्क है जिसके द्वारा नेटवर्क्स को ज्यादा से ज्यादा मैनेज किया जाता है और यह फ्लैक्सिबल भी बहुत ज्यादा होता है।
आमतौर की भाषा में कहें तो एस.डी.एन एक ऐसा आर्किटेक्चर नेटवर्क्स होता है जिसमें सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन का प्रयोग करके नेटवर्क को समझदारी पूर्वक और आसान तौर पर ट्रेफिको में कंट्रोल करने का सक्षम बनाया जाता है।
इसलिए नेटवर्क मैनेज और अनुकूल के साथ-साथ बहुत ही ज्यादा किफायती होता है। इसका डायनेमिक रेंज बहुत ज्यादा होता है ऐ पी आई API बैंडविथ एप्लीकेशन में इसका प्रयोग किया जाता है।
एस.डी.एन नेटवर्क्स एक बहुत ही बड़ी दृष्टिकोण एप्रोच रखता है जिससे सॉफ्टवेयर के माध्यम से कंट्रोल या एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस एपीआई का प्रयोग करके नेटवर्क में लगे हार्डवेयर नेटवर्क्स ट्रैफिक में सीधे संचार करने के लिए करता है।
एस.डी.एन यह पुराने नेटवर्क से बहुत ज्यादा अलग होते हैं पुराने नेटवर्क के ट्रैफिक को कंट्रोल करना ज्यादा आसान नहीं होता है। इसमें ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए डेडीकेटेड हार्डवेयर डिवाइस का प्रयोग किया जाता है। जबकि SDN मे ट्रैफिक को कंट्रोल करना बहुत ज्यादा आसान होता है। अतः ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए वर्चुअल नेटवर्क का प्रयोग किया जाता है।
SDN architecture in Hindi
एस.डी.एन के बनावट में निम्नलिखित कंप्लेंट होते हैं
एस.डी.एन एप्लीकेशन. एक विशेष प्रकार का प्रोग्राम होता है जो नॉर्थबाउंड इंटरफेस Northbound Interface के जरिए नेटवर्क रिसोर्स और नेटवर्क डिवाइस के साथ संचार करता है। इसके अन्दर लोड वायलेंस load balancing फ्रेमवॉल firmwall स्ट्क्शन डिटेक्शन सिस्टम instruction detection system (IDS) और भी एप्लीकेशन आते हैं।
SDN Controllers यह नेटवर्क आर्किटेक्चर का सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण एलिमेंट होता है। यह नेटवर्क्स का सॉफ्टवेयर आर्किटेक्चर दिमाग होता है। जिसमें नेटवर्क्स को कंट्रोल करना, देखना, नेटवर्क एप्लीकेशन लेयर में डाटा पथ की जरूरत को ट्रांसलेट करते रहता है।
SDN Datapath एक लॉजिकल नेटवर्क डिवाइस है जिसके जरिए स्विच को इंप्लीमेंट करता है जिससे कि एस.डी.एन नेटवर्क्स में डाटा पॉकेट को ट्रांसफर किया जा सके।
डाटा पर लॉजिकल नेटवर्क उपकरण है जो विज्ञापित डाटा के प्रोसेसिंग क्षमताओं पर अपना विजिबिलिटी अनकंस्ट्रक्टेड कंट्रोल को उजागर करता है।
लॉजिकल रिप्रेजेंटेशन में फिजिकल सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी के विभिन्न प्रकार के या सबसेट शामिल होते हैं।
एस.डी.एन नेटवर्क में डाटा पथ में एक सीडीपीआई CDPI एजेंट व एक से अधिक ट्रैफिक फॉरवर्डिंग इंजन और 0 या इससे अधिक ट्रैफिक प्रोसेसिंग फंक्शन सम्मिलित होते हैं। एस डी एन के इस प्रकार के इंजन के कार्यों में डाटा पथ के बाहर इंटरफेस या इंटरनल ट्रैफिक प्रोसेसिंग के बीच सिंपल फॉरवर्ड शामिल हो सकता है। एक या एक से अधिक एसडीएन डेटा पथ फिजिकल नेटवर्क एलिमेंट में इंटीग्रेट्स हो सकते हैं। एक एस.डी.एन डेटा पथ के कई प्रकार के फिजिकल नेटवर्क तत्वों में डिफाइन किया जाता है।
SDN (API) इस प्रकार के नेटवर्क एस.डी.एन कंट्रोलर एवं राउटर के जरिए ओपन और क्लोज संचार प्रदान करता है।
How does SDN work in Hindi
SDN में कई प्रकार के टेक्नोलॉजी शामिल होते है। जिसमे कार्य को अलग अलग करना, नेटवर्क वर्चुअलाजेसन और प्रोग्राम के योग्यता के माध्यम से स्वचालित शामिल है।
मूल्य रूप से SDN तकनीक पूरी तरह से डाटा प्लान से नेटवर्क कंट्रोल प्लान को अलग करने पर केंर्दित है। जबकि कंट्रोल प्लान यह निरयण लेता है की नेटवर्क के माध्यम से पैकेट को कैसे ट्रांसफर होना चाहिए। डाटा प्लान पैकेट को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाता है।
कलासिक्स SDN सेनेरियो में नेटवर्क स्विच के ऊपर एक पैकेट आता है। स्विच के प्रॉपर्टी फ्रेमवेयर में निर्मित नियम स्विच को यह बताते है की पैकेट डाटा को कहा फारवर्ड करना है। यह पॉकेट हैंडलिंग नियम से सेंट्रल कंट्रोलर से स्विच पर भेजे जाते है।
स्विच को डाटा प्लान डिवाइस के नाम से भी जाना जाता है। आवश्यकता अनुसार के लिए कंट्रोलर से पूछताछ करता है कंट्रोलर उस नेटवर्क ट्रैफिक के बारे में जानकारी प्रदान करता है स्विच प्रत्येक डाटा पॉकेट को एक ही पथ एवं एक ही डेस्टिनेशन को भेजता है। और सभी डाटा पॉकेट को समान व्यवहार करता है।
SDN ऑपरेशन मूड का प्रयोग करती है जिसे कभी एडाप्टिव और कभी डायनेमिक कहा जाता है।
जिसमें एक स्विच पॉकेट डाटा के लिए कंट्रोलर रूट रिक्वेस्ट जारी करता है, जिसमें एक भी स्पेसिफिक रूट नहीं होते हैं। यह प्रोसेस एडाप्टिव रूटिंग से अलग होता है। और नेटवर्क टोपोलॉजी के आधार पर राउटर और एल्गोरिदम के माध्यम से रूट अनुरोध जारी करता है।यह कंट्रोलर के माध्यम से ऐसा नहीं होता है।
SDN का वर्चुअलआईजेशन वर्चुअल ओवरले के माध्यम से प्ले में आता है। जो फिजिकल नेटवर्क के टॉप पर एक लॉजिकल नेटवर्क से अलग होता है। यूजर यह प्लीमेंट करता है नेटवर्क और सिग्मेंट के ट्रैफिक को एंड टू एंड ओवरले करना।
SDN नेटवर्क माइक्रोसेगमेंटेशन एस्पेशली यूजरफुल सर्विस प्रोवाइडर मल्टी टैनेंट, एंड क्लाउड एनवायरनमेंट, सेवा प्रदाताओं और ऑपरेटर के लिए विशेष रूप से उपयोगी होता है।
क्योंकि वह इसके प्रत्येक टैनेंट के लिए विशिष्ट नीतियों के साथ एक अलग से वर्चुअल नेटवर्क का प्रावधान कर सकता है।
SDN से क्या लाभ है? SDN Benefit in Hindi
SDN से विभिन्न प्रकार के लाभ मिल सकता है।
सरल तरीका से पॉलिसी को चेंज करना : एस.डी.एन के साथ एडमिनिस्ट्रेशन चेंज होने पर किसी भी नेटवर्क के साथ स्विच नियमों को बदल सकते हैं। कंट्रोल और सुरक्षा भी इसमें करना आसान होता है।
इस प्रकार के नेटवर्क में मल्टी टैनेंट में सहायक होता है क्योंकि एडमिनिस्ट्रेशन को फ्लैक्सिबल और ट्रैफिक लोड को मैनेजमेंट करने में सक्षम होता है। यह समान रूप से कम खर्चीला होते हैं या नेटवर्क ट्रेफिक ट्रांसफर पर कंट्रोल रखता है।
SDN के विभिन्न प्रकार के माडल क्या है? What are the different models of SDN In Hindi
स्विच और राउटर में डाटा का फ्लो को कंट्रोल करने के लिए सेंट्रलाइज सॉफ्टवेयर के आधार पर सभी सॉफ्टवेयर परिभाषित नेटवर्किंग पर लागू होता है। इस प्रकार SDN के विभिन्न माडल होते हैं।
Open SDN
Open SDN: नेटवर्किंग एडमिनिस्ट्रेशन डाटा प्लान स्तर पर वर्चुअल और फिजिकल स्विच के बिहेवियर को कंट्रोल करने के लिए ओपनफ्लो जैसे प्रोटोकॉल का उपयोग करते हैं।
SDN by API
SDN by API: ओपन प्रोटोकॉल का उपयोग करने के बजाय एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस कंट्रोल करते हैं कि प्रत्येक डिवाइस पर नेटवर्क के माध्यम से डाटा कैसा चलता है।
SDN Overlay Model
SDN Overlay Model: यह एक another टाइप का सॉफ्टवेयर डिफाइंड नेटवर्किंग मौजूदा हार्डवेयर इंफ्रास्ट्रक्चर के टॉप पर एक वर्चुअल नेटवर्क चलाता है। जो विभिन्न प्रकार के ऑन प्राइसेस और लंबी दूरी के डाटा को सेंट्रलाइज के डायनामिक ट्यूनल बनाता है। वर्चुअल नेटवर्किंग विभिन्न प्रकार के चैनलों पर बैंडविथ को Allow करता है और फिजिकल नेटवर्क को टच किए बिना प्रत्येक चैनल के डिवाइस को Assings करता है।
Hybrid SDN
Hybrid SDN: यह मॉडल एक नेटवर्क पर विभिन्न प्रकार के कार्यों को सपोर्ट करने के लिए एक विशेष इन्वायरमेंट में ट्रेडिशनल नेटवर्क प्रोटोकोल के साथ सॉफ्टवेयर नेटवर्क ऐड करता है। स्टैंडर्ड नेटवर्क प्रोटोकोल के माध्यम से कुछ ट्रैफिक को डायरेक्ट निर्देशित रखता है जबकि एस.डी.एन अनेक प्रकार के ट्रैफिक के रिस्पांसिबिलिटी को भी लेता है। जिससे नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर को एस.डी.एन के स्टेज में एक बहुत बड़ा इन्वायरमेंट में डाटा को ऐड करने की अनुमति मिलता है।
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