System software in Hindi सिस्टम सॉफ्टवेयर

System Software in Hindi

सिस्टम सॉफ्टवेयर क्या है? यह कैसे कार्य करता है और यह कितने प्रकार के होते हैं।

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सिस्टम सॉफ्टवेयर System Software एक ऐसा सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होता है, जिसके माध्यम से कंप्यूटर के जितने भी हार्डवेयर एलिमेंट Hardware Element होते है। उन सारे हार्डवेयर एलिमेंटस को सिस्टम सॉफ्टवेयर के माध्यम से रन कराया जाता है। क्यों की कंप्यूटर एक निर्जीव डिवाइस है। अतः इसके अंदर कोई ऐसा सिस्टम नहीं होता है, जिसके माध्यम से बिना सिस्टम सॉफ्टवेयर को रन कराया जा सके। सिस्टम सॉफ्टवेयर से ही कंप्युटर के अंदर जान आता है, बिना सिस्टम सॉफ्टवेयर के कंप्यूटर खाली डब्बा के समान है।

System software in hindi

 

आज बात करेंगे हम सिस्टम सॉफ्टवेयर  के बारे में आमतौर पर कंप्युटर पर काम करने के दौरान, कंप्यूटर के अंदर होने वाली गतिविधियों पर हम सब ध्यान नहीं देते हैं। की आखिर कार कंप्यूटर के अंदर ऐसा कौन सा मुख्य सॉफ्टवेयर होता है जिससे कंप्यूटर के अंदर डाटा वर्क करने लगता है। इन्हीं सारे सवालों के जबाब को आज हम सब डिटेल से समझेंगे।

जैसे.. 

  • प्रोग्राम को रन और लोड करना।
  • नेटवर्क के बीच में आपस में ताल मेल स्थापित करना।
  • फाइलों को व्यवस्थित करना।
  • कंप्युटर को वायरस से सुरक्षित करना।
  • विभिन्न प्रकार के हार्डवेयर उपकरणों को नियंत्रित करना ताकि वह एक दूसरे के साथ डाटा को संचार कर सके।

 

इन सारे कार्यो को करने के लिए ही हम सब सिस्टम सॉफ्टवेयर को कंप्यूटर के अंदर इनस्टॉल करते है। लेकिन इसके अलावा और भी बहुत सारे फैक्टर होते है।

  • अगर कोई नया एप्लिकेशन प्रोग्राम कॉम्पैटिबल न हो और यह हमारे वर्तमान कंप्यूटर पर रन ही न करता हो तो क्या होगा?
  • कंप्यूटर मे वायरस आ जाए।
  • हार्ड डिस्क भी खराब हो जाए?
  • या हमारे कंप्यूटर की गति कम हो जाए?
  • कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर प्रोग्राम system software क्रैश कर जाए?

ईन सारे सवालों के जबाब जानने और कंप्युटर को ठीक से रन कराने के लिए, आप सभी को थोड़ी बहुत सिस्टम सॉफ्टवेयर  और एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर के बारे में जानकारी होनी चाहिए।

ताकि आपके जीवन मे कंप्यूटर चलाना और भी आसान हो जाए। आइए जानते है की कंप्यूटर में  सिस्टम सॉफ्टवेयर  और  ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर क्या होता है? सिस्टम सॉफ्टवेयर  यह कंप्युटर पर कैसे वर्क करता है। तो चलिए देर किये बिना जानते है की कंप्युटर के एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर से लेकर सिस्टम सॉफ्टवेयर  तक सरे कैसे काम को करता है।

सिस्टम सॉफ्टवेयर (system software) केवल एक प्रोग्राम से नहीं बना है,बल्कि इसके अन्दर और भी बहुत सारे प्रोग्रामों का संग्रह होता है। जिससे यूजर के बहुत कम या बिल्कुल हस्ताक्षेप के बिना ही सैकड़ों तकनीकों को नियंत्रण किया जाता है।

 

ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर. Operating System in Hindi 

ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर के द्वारा कंप्युटर हार्डवेयर और यूजर के बिच में तालमेल स्थापित किया जाता है। जिसमें यूजर और कंप्युटर हार्डवेयर के बीच इंटरफ़ेस उपलब्ध कराया जाता है। और एप्लिकेशन को रन कराया जाता है। ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर यूजर के आधे से ज्यादा कार्य को स्वयं अपने ऊपर लेकर उसको हल कर देता है। ऑपरेटिंग सिस्टम में खास बात यह होती है की इसके अंदर बहुत सारे ऐसे फंक्शन होते है जिसके तहत कंप्यूटर पर कार्य करना और भी आसान हो जाता है।

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Types of System Software  सिस्टम सॉफ्टवेयर के प्रकार 

 

यूटिलिटी सॉफ्टवेयर Utility Software

यूटिलिटी से कंप्युटरो संसाधनों को कन्ट्रोल करने से संबंधित विशेष कार्य को पूरा किया जाता है।

इसके माध्यम से कंप्यूटर के अंदर Configuration, Analyzation, Maintenance तथा Optimization जैसे कार्यो आसानी से हल करा लिया जाता है। ज्यादातर यूटिलिटी सॉफ्टवेयर ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर के साथ ही आते है। लेकिन कंप्यूटर मे फंक्शन को बढ़ाने के लिए हम  इसको अलग से भी इंस्टॉल करते है।

 

ट्रबलशूटिंग या डायग्नोस्टिक प्रोग्राम Troubleshooting or Daygnostiks Program in Hindi

जो समस्याओं को आदर्श तौर पर उनके गंभीर बनने से पहले ही पहचानते हैं और उन्हें फिर सुधार देते हैं। इन प्रोग्राम को ट्रबलशूटिंग या डायग्नोस्टिक प्रोग्राम कहा जाता है।

 

एंटीवायरस प्रोग्राम Antivirus Program in Hindi 

जो आपके कंप्यूटर सिस्टम की रक्षा उन वायरस या अन्य नुकसान पहुंचाने वाले प्रोग्राम से करते रहते हैं। जिससे आपके कंप्यूटर सिस्टम फास्ट और स्मुथ चलता है। लोकप्रिय एंटीवायरस प्रोग्राम में क्विक खिल, गार्जियन, नेट प्रोटेक्टर आदि और है।

 

सिस्टम रीस्टोर System Restore in Hindi 

सिस्टम रीस्टोर विंडोज 7 मैं शामिल एक यूटिलिटी प्रोग्राम है जो यूजर्स को अपने कंप्यूटर की समस्याओं को ठीक करने में बहुत ज्यादा सहायता करता है। उसके पुराने स्टेटस में वापस लाकर जब वह किसी काम कर रहा था तो उसमें और पीछे से फिर लेकर चला जाता है।

उदाहरण के तौर पर आपने कभी इंटरनेट से एक फ्री एंटीवायरस प्रोग्राम डाउनलोड किया है,। और उसे अपने कंप्यूटर पर इंस्टॉल किया है परंतु आपने जाना कि इस नए सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल करने के बाद आपका कंप्यूटर अजीब तरह से बर्ताव कर रहा है। यानी स्लो चलने लगा, बहुत धीरे-धीरे चलने लगा या बार-बार हैंग हो जाता है। अथवा स्क्रीन पर ऑफ डेथ दिखाई देता है। अब आप यह समझ गए होंगे कि यह समस्या एंटीवायरस और आपके कंप्यूटर सिस्टम के बीच तालमेल ना होने की वजह से हो रहा है।

तब आप अपने कंप्यूटर को उसकी पुरानी अवस्था में लाने के लिए सिस्टम यूटिलिटी का प्रयोग कर सकते हैं। और फिर आप पुराने मूड में रिस्टोर कर सकते हैं।

जैसे Antivirus, Screen Saver, Network Monitoring, Icons tool’s और भी बहुत सारे सॉफ्टवेयर है, ये सारे सॉफ्टवेयर यूटिलिटी सॉफ्टवेयर होते है।

 

यूटिलिटी सॉफ्टवेयर के प्रकार Types of Utility Software

  1. सुरक्षा प्रोग्राम (Security Program)
  2. डिस्क की सफाई और डिस्क प्रबंधन (Disk Cleaners and Disk Management Programs)
  3. फाईल कम्प्रेशन प्रोग्राम्स (File Compression Programs)
  4. फाइल मैनेजमेंट प्रोग्राम (File Management Programs)
  5. बैकअप और रिकवरी टूल्स (Backups and Recovery tools)

 

डिवाइस ड्राइवर्स सॉफ्टवेयर Device Driver Software

डिवाइस ड्राइवर्स Device Driver  ऐसे विशेष प्रोग्राम होते हैं। जिनमें किसी खास इनपुट आउटपुट डिवाइस को विशेष रूप से कंप्यूटर सिस्टम में संचार करने की अनुमति मिलती है। यानी इसमें हम कंप्यूटर में जो भी हार्डवेयर डिवाइस चलाते हैं उनका ड्राइवर को कंट्रोल करने के लिए ड्राइवर डिवाइस की जरूरत पड़ती है। यह एक छोटी सी प्रोग्राम फाइल होती है जो आदेश देती है ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर के साथ हार्डवेयर को कम्यूनिकेट करने की।

बिना डिवाइस ड्राइवर के कंप्यूटर में कोई भी हार्डवेयर को एड नहीं कर सकते है और न ही उससे किसी भी प्रकार के डाटा को सेंड और रिसीव कर सकते है।

जैसे..  मान लीजिए कि आपके पास कोई एक प्रिंटर है और आप उससे कंप्यूटर के साथ जोड़कर प्रिंट करना चाहते हैं। तो उसके लिए आपको सबसे पहले प्रिंटर का ड्राइवर कंप्यूटर के अंदर इंस्टॉल करना पड़ेगा। यदि आप ऐसा नहीं कीजिए गा तो आपका प्रिंटर कंप्यूटर के साथ जुड़ नहीं पाएगा और न ही प्रिंट कर पायेगा।

डिवाइस ड्राइवर के प्रकार Types of Device Driver

  1. बायोस ड्राईवर BIOS Drivers
  2. मदरबोर्ड Motherboard Drivers
  3. हार्डवेयर ड्राइवर Hardware Drivers
  4. वर्चुअल डिवाइस ड्राइवर Virtual Device Drivers

 

लैंग्वेज ट्रांसलेट language Translator

लैंग्वेज ट्रांसलेटर ऐसे प्रोग्राम द्वारा लिखे गए प्रोग्रामिंग निर्दोषों को कंप्यूटर को समझ में आने वाली और उसके द्वारा करवाई करने के योग्य भाषा में बदला जाता है।  यह एक तेज गति से कार्य करने वाला ट्रांसलेट प्रोग्राम है। लैंग्वेज ट्रांसलेट के माध्यम से किसी भी प्रोग्राम के स्टेटमेंट को हार्डवेयर के इंस्ट्रक्शन के फॉर्म में चेंज किया जाता है।

लैंग्वेज ट्रांसलेट के प्रकार Types of Language Translator

  1. एसेम्बलर Assembler
  2. कंपाइलर Compiler
  3. इंटरप्रेटर Interpreter

 

ऑपरेटिंग सिस्टम Operating system

ऑपरेटिंग सिस्टम उन प्रोग्राम का संग्रह होता है, जो कंप्यूटर उपयोग करने से जुड़े कई तकनीकी विवरण को संभालते रहता है।

कई प्रकार से ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर प्रोग्राम का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है  जिसे काम करने वाले ऑपरेटिंग सिस्टम के बगैर आपका कंप्यूटर अनुपयोगी हो जाता है।

 

  ऑपरेटिंग सिस्टम का कार्य (Function of operating system)  

प्रत्येक कंप्यूटर में एक ऑपरेटिंग सिस्टम Opereting System होता है, और हर ऑपरेटिंग सिस्टम कई तरह के कार्यों को करता है। इस कार्य को तीन समूहों में श्रेणीबद्ध तरीके से बांटा गया है।

 

1  संसाधनो को नियंत्रित करना control the Resource

ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर के सभी संसाधनों में संपर्क स्थापित करता है, जिसमें मेमोरी स्टोरेज, प्रोसेसिंग, प्रिंटर और मॉनिटर जैसे उपकरण शामिल होते हैं।

  • यह सिस्टम प्रदर्शन की निगरानी करता है
  • कार्यो को निर्धारित करता है
  • सुरक्षा प्रदान करता है
  • कंप्यूटर को सुचारू ढंग से चलाता है।

 

 2. ग्राफिकल यूजर इंटरफेस GUI

ऑपरेटिंग सिस्टम से यूजर को एक यूजर इंटरफेस के जरिए एप्लीकेशन प्रोग्राम और कंप्यूटर हार्डवेयर के बीच में इंटरकरेंट करने का मौका मिलता है।

मूल रूप से ऑपरेटिंग सिस्टम एक कैरेक्टर बेस्ट इंटरफेस उपयोग करता है जिसमें यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम से लिखित आदेश के माध्यम से संचार करते रहता है।

आजकल अधिकांश ऑपरेटिंग सिस्टम में  ग्राफिकल यूजर इंटरफेस जी यू आई GUI का उपयोग किया जाता है। ग्राफिकल यूजर इंटरफेस Graphical User Interface में ग्राफिक्स एलिमेंट होते हैं।

जैसे- विंडोज़ का आइकॉन, यूजर का आइकन, नेटवर्क आइकॉन, कंट्रोल पैनल आइकॉन इत्यादि

 

 3. रनिंग एप्लीकेशन Running Applications 

रनिंग एप्लीकेशन ऑपरेटिंग सिस्टम एप्लीकेशन को लोड और रन करते हैं।

जैसे वर्ड प्रोसेसिंग और सेपरेट सीट से अधिकांश ऑपरेटिंग सिस्टम मल्टीटास्किंग को सपोर्ट करते हैं।

मेमोरी में स्टोर की गई अलग-अलग एप्लीकेशन के बीच स्विचिंग करने की क्षमता रनिंग एप्लीकेशन देता है।

मल्टी टास्किंग से आप एक ही समय पर वर्ड और एक्सेल को चला सकते हैं। और दो एप्लीकेशन के बीच आसानी से स्विच भी कर सकते हैं।

 

ऑपरेटिंग सिस्टम की श्रेणी Types of operating system

अलग-अलग कई तरह के ऑपरेटिंग सिस्टम होते हैं लेकिन बुनियादी तौर पर इनका श्रेणियां है।

 

रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम Real time operating system In Hindi 

रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम Real time operating system को एंबेडेड ऑपरेटिंग सिस्टम के नाम से भी जानते हैं।

रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम को पार्टी को भी कहा जाता है। किसी उपकरण के भीतर ही सहेजा यानी एंबेडेड किया जाता है।

यह स्मार्ट वॉच Smart watch स्मार्टफोन वीडियो गेम सिस्टम और हजारों दूसरे छोटे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को नियंत्रित करते हैं।

किसी खास एप्लीकेशन के लिए विशेष तौर पर निर्माण किया गया एमबेडेड ऑपरेटिंग सिस्टम Ambeded Operating System आई ओ टी IOT के विकास के लिए बेहद जरूरी है।

डेस्कटॉप ऑपरेटिंग सिस्टम Desktop operating system In Hindi 

डेस्कटॉप ऑपरेटिंग सिस्टम जिसे हम stand-alone ऑपरेटिंग सिस्टम भी कहते हैं।

किसी एक डेस्कटॉप या लैपटॉप कंप्यूटर को यह नियंत्रित करता है यह ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर के हार्ड डिक्स में स्थित होता है।

अक्सर डेस्कटॉप और लैपटॉप किसी नेटवर्क का हिस्सा होते हैं। इन मामलों में ऑपरेटिंग सिस्टम नेटवर्क के साथ मिलकर संसाधनों को स्थापित करने का काम करता हैं।

 

नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्टम Network Operating System in Hindi 

नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग ऐसे कंप्यूटर को नियंत्रित और उनमें संपर्क स्थापित करने के लिए किया जाता है जो नेटवर्क से या आपस में एक दूसरे से जुड़े हुए होते हैं कई नेटवर्क छोटे होते हैं और इसमें केवल सीमित संख्या में ही पर्सनल कंप्यूटर जुड़े होते हैं।

नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्टम Network Operating System in hindi आमतौर पर जुड़े हुए किसी एक कंप्यूटर के हार्ड डिक्स में स्थित होते हैं इसे नेटवर्क सर्वर कहा जाता है। यह एक कंप्यूटर दूसरे कंप्यूटर के बीच संपर्क स्थापित करता है।

कुछ लोकप्रिय नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्टम-  विंडों सर्वर window सर्वर लिनक्स और यूनिक्स है।

ऑपरेटिंग सिस्टम को ज्यादातर लोग सॉफ्टवेयर एनवायरनमेंट या सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म software pletfrom भी कहते हैं।

लगभग जितने भी एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर apllication Software होते है उनको किसी खास  प्लेटफॉर्म पर चलने के लिए बनाया जाता है।

उदाहरण के लिए :  माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस Mircosoft office के एक वर्जन को विंडोज पर चलने के लिए वही दूसरे वर्जन को मैक ओएस Mack OS पर चलने के लिए बनाया गया है।

 

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