बवासीर क्यों होता है | Why Piles Happen in Hindi | types, symptoms, treatment in Hindi

बवासीर क्यों होता है: सबसे संपूर्ण जानकारी

बवासीर का परिचय

वर्तमान जीवनशैली में, लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर अपार चिंता महसूस करते हैं। अगर हम इसकी बात करें, तो एक ऐसी समस्या जिससे लोगों को आमतौर पर शर्मिंदगी का अनुभव होता है, बवासीर है। यह आमतौर पर विशेष रूप से उच्च उम्र के लोगों को प्रभावित करती है, लेकिन कभी-कभी युवा भी इस समस्या से पीड़ित हो सकते हैं।

बवासीर या पाइल्स (Piles) एक ऐसी समस्या है जिसमें आंत के भाग में सूजन और विकार होता है। इस लेख में, हम बवासीर के कारणों, प्रकारों, लक्षणों, और इसके उपचार के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे।

बवासीर क्यों होता है? Why do piles happen in Hindi

बवासीर होने के कई कारण हो सकते हैं। इनमें से कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

कब्ज: यह एक प्रमुख कारक है जो बवासीर की प्रक्रिया को प्रभावित करता है। कब्ज होने पर, मलों का निर्गमन कठिन हो जाता है और लगातार दबाव पैदा होता है, जो बवासीर के उत्पादन में मदद करता है।

बैठने की लम्बी अवधि: अगर आप लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठते हैं, तो इससे आपकी प्रत्यक्षीकृत नसें कमजोर हो सकती हैं और बवासीर के विकार का कारण बन सकती हैं।

गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन होता हैं और उन्हें कब्ज की समस्या हो सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें बवासीर हो सकता हैं।

बढ़ती उम्र: वयस्कों में, आंत की मांसपेशियों की कमजोरी के कारण बवासीर की संभावना बढ़ जाती हैं।

परिवारिक प्रवृत्ति: अगर किसी परिवार में बवासीर की समस्या पहले से मौजूद होती है, तो इसके एक व्यक्ति को भी उसके वंशजों में बवासीर के विकार का संकेत हो सकता हैं।

इस प्रकार, बवासीर के कई कारण हो सकते हैं, और ये कारक व्यक्ति की आमजनसंख्या, उम्र, और जीवनशैली पर निर्भर करते हैं।

 

बवासीर के प्रकार types of hemorrhoids in Hindi

बवासीर क्यों होता है

बवासीर के विभिन्न प्रकार हो सकते हैं। ये प्रकार इसके लक्षणों, स्थिति, और आंत के विकार की गंभीरता पर आधारित होते हैं। निम्नलिखित हैं बवासीर के प्रमुख प्रकार:

  • आंतरिक बवासीर: ये बवासीर के सबसे सामान्य प्रकार में से एक हैं। इसमें लक्षण आमतौर पर अद्ययावत नहीं होते हैं और रक्तस्राव की समस्या हो सकती हैं।
  • बाह्य बवासीर: ये प्रकार खुले मस्तिष्की के रूप में दिखाई देते हैं और बवासीर की सबसे प्रमुख प्रकार होते हैं। इनमें लक्षण जैसे खुजली, जलन, और दर्द की समस्याएं होती हैं।
  • संग्राही बवासीर: इस प्रकार के बवासीर में, आंत के भीतर एक या अधिक गांठें बनती हैं, जो आंत को संकोचित कर सकती हैं। इसके लक्षण में दर्द, बार-बार पेशाब का इच्छा, और the issuance की समस्याएं शामिल हो सकती हैं।
  • शूल्य बवासीर: इस प्रकार में, बवासीर के रूप में विकसित होने के साथ ही आंत के बाहरी भाग में विकार उत्पन्न होता हैं। इसके लक्षणों में दर्द, सूजन, और पेशाब करने की समस्याएं शामिल हो सकती हैं।

ये थे कुछ मुख्य types of hemorrhoids in Hindi। यदि आपको किसी भी प्रकार के लक्षण या समस्याओं का सामना हो, तो आपको चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए ताकि सही उपचार प्राप्त कर सकें।

 

बवासीर के लक्षण symptoms of piles in Hindi

बवासीर के विभिन्न प्रकार के लक्षण Symptoms of different types of piles in hindi में थोड़ा अंतर हो सकता हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:

खुजली और जलन

इसमें प्राथमिक लक्षण में खुजली और जलन की समस्या हो सकती हैं। यह आपको बहुत असहज महसूस कराता हैं और आपकी दिनचर्या में unwanted परिवर्तन कर सकता हैं।

लैट्रिन के जगह दर्द होना

दर्द बवासीर का एक और सामान्य लक्षण हैं। यह दर्द अवकाश के समय, पेशाब करने के समय, और उपयोग में हो सकता हैं।

रक्तस्राव

अगर बवासीर गंभीर हो जाए, तो आपको रक्तस्राव की समस्या हो सकती हैं। स्नायुशूल, रक्त की गांठें, या रक्तस्राव की समस्याएं हो सकती हैं।

सूजन और गांठें

बाह्य बवासीर में सूजन और गांठें दिखाई दे सकती हैं। ये गांठें खुजली और दर्द के साथ हो सकती हैं और प्रायः यौनक्रिया के दौरान अधिक विकारपूर्ण होती हैं।

ये लक्षण आमतौर पर बवासीर के symptoms of piles in Hindi में दिखाई देते हैं। यदि आपको इन लक्षणों का सामना हो रहा है, तो आपको चिकित्सक से मिलना चाहिए ताकि सही निदान और उपचार किया जा सके।

 

बवासीर का उपचार Hemorrhoids treatment in Hindi

बवासीर का उपचार व्यक्ति के लक्षणों, स्थिति, और बवासीर के प्रकार पर निर्भर करता हैं। यहां कुछ सामान्य उपाय और उपचार दिए जाते हैं:

आहार में परिवर्तन

अपने आहार में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए जैसे कि फल, सब्जी, अनाज, और फलियां। इसके अलावा, प्रतिदिन पानी पीना और ताजगी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।

कब्ज से बचाव

कब्ज को दूर करने के लिए योग्य व्यायाम करें, प्रतिदिन व्यायाम करें, पैदल चलें, और नियमित तौर पर शौच करें।

दवाएं और क्रीम

चिकित्सक द्वारा प्राकृतिक और दवाईयों के सेवन के आधार पर उपचार की सलाह दी जा सकती हैं। यह दवाएं या क्रीम शरीर को सुखाने, खुजली और दर्द को कम करने, और रक्तस्राव को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं।

आयुर्वेदिक उपचार

कुछ आयुर्वेदिक उपचार भी बवासीर के लिए प्रभावी हो सकते हैं। इसमें त्रिफला, इसबगोल, और अन्य जड़ी बूटियों का सेवन शामिल हो सकता हैं।

सर्जरी

अगर बवासीर की स्थिति गंभीर हो गई है और उपरोक्त उपायों से लाभ नहीं हो रहा है, तो चिकित्सक सर्जरी की सलाह दे सकता है। सर्जरी में, बवासीर को हटाने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जाता हैं।

इन उपायों के अलावा Hemorrhoids treatment in Hindi अपने चिकित्सक से सलाह लेना बहुत महत्वपूर्ण हैं। वे आपको सही निदान और उपचार के लिए आपकी स्थिति का मूल्यांकन करेंगे।

 

बवासीर में लैट्रिन टाइट क्यों होती है? Why is the latrine tight in piles in Hindi

जब हम बवासीर के बारे में बात करते हैं, तो लैट्रिन (शौचालय) टाइट (असामर्थ्य) होना एक आम समस्या होती है। बवासीर के कारण, शौच करते समय या बाद में लोगों को लैट्रिन टाइट होने की तकलीफ हो सकती है। यह बहुत समान्य समस्या है और इसके कई कारक हो सकते हैं:

सूखापन

बवासीर में, गुदा क्षेत्र में त्वचा और नसों में सूखापन हो सकता है, जिससे शौच करने के समय लोगों को टाइट महसूस होता है। यह सूखापन खुजली और दर्द का कारण भी बन सकता है।

स्टोरेज

बवासीर में, गुदा क्षेत्र में मस्से या गांठें बन सकती हैं जो शौच करने के लिए रोकटें बना सकती हैं। इसके कारण लोगों को लैट्रिन टाइट महसूस हो सकती है।

रक्तस्राव

गंभीर मामलों में, बवासीर के साथ रक्तस्राव हो सकता है, जिसके कारण लोगों को शौच करने के समय लैट्रिन टाइट हो सकती है।

मांसपेशियों का तनाव

बवासीर के कारण, गुदा क्षेत्र में मांसपेशियों का तनाव या स्पैस्म हो सकता है, जो शौच करते समय लोगों को टाइट महसूस करवा सकता है।

बवासीर में लैट्रिन टाइट क्यों होती है? ये केवल कुछ कारक हैं जो लैट्रिन टाइट होने का कारण बन सकते हैं। बवासीर के इलाज के बाद, इस समस्या का समाधान हो सकता है और लोगों को शौच करते समय आराम मिलता है। बेहतर होगा कि इस समस्या का परामर्श एक विशेषज्ञ चिकित्सक से लिया जाए, जो आपको सही उपचार दे सकेंगे।

 

खूनी बवासीर क्यों होता है? Why do bloody piles happen in Hindi

खूनी बवासीर या रक्तवर्धक बवासीर एक प्रकार का बवासीर है जिसमें गुदा क्षेत्र की नसों में सूजन और मस्सों में रक्तस्राव होता है। यह एक गंभीर समस्या है और लोगों को दर्द, खुजली, और रक्तस्राव का सामना करना पड़ता है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ मुख्य हैं:

कब्ज

कब्ज एक मुख्य कारक है जो खूनी बवासीर का कारण बनता है। जब आपका शौच नियमित रूप से नहीं होता है और पाचन तंत्र में समस्या होती है, तो गुदा क्षेत्र में दबाव बढ़ जाता है। यह दबाव रक्तस्राव का कारण बनता है और रक्त के थक्के (खूनी मस्से) बनने का कारण बनता है।

प्रेसरी बैठने का अभ्यास

अगर आप लंबे समय तक बैठे रहते हैं, खासकर जब आप एक ही स्थान पर एकाधिक घंटे बैठे रहते हैं, तो यह गुदा क्षेत्र में दबाव बढ़ा सकता है। यह रक्तस्राव का कारण बनता है और बवासीर की समस्या को बढ़ा सकता है।

बाहरी जटिलताएं

यदि आप भारी वजन उठाते हैं, लंबे समय तक खड़े रहते हैं, या अन्य शारीरिक कार्यों को करते हैं जो दबाव पैदा करते हैं, तो यह बवासीर का कारण बन सकता है।

आहार

अप्रत्याशित खाद्य पदार्थों, मसालेदार और तीखे भोजन, तेलीय और मसालेदार चीजों का सेवन खूनी बवासीर के लिए एक अहम कारक हो सकता है। इसके अलावा, कम पानी पीना और फलों और सब्जियों की कम मात्रा का सेवन भी इस समस्या को बढ़ा सकता है।

खूनी बवासीर क्यों होता है? इसके लिए खूनी बवासीर को शर्मिंदगी की बात नहीं माना जाना चाहिए। यदि आपको खूनी बवासीर के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो बेहतर होगा कि आप एक चिकित्सक से परामर्श लें और उचित उपचार प्राप्त करें। चिकित्सक आपके लिए सटीक निदान करेंगे और आपको सही उपाय बताएंगे ताकि आपको आराम मिल सके।

 

बवासीर से बचाव prevention of hemorrhoids in Hindi

बवासीर से बचाव के लिए कुछ साधारण सावधानियां निम्नलिखित हैं:

स्वस्थ आहार

एक स्वस्थ और पौष्टिक आहार लेना बहुत महत्वपूर्ण हैं। अपने आहार में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें, जैसे कि फल, सब्जी, अनाज, और फलियां। इसके अलावा, प्रतिदिन पानी पीना और सुगंधित खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।

प्राथमिक हाइजीन

शौच करने के बाद साफ़ और स्वच्छ रखें। तेज़ या अधिक दबाव वाले सामग्री का उपयोग न करें।

संतुलित व्यायाम

नियमित रूप से व्यायाम करें और नियमित रूप से बैठने या खड़े होने की अवधि को बढ़ाने की कोशिश करें।

सुखाने से बचें

गिले होने पर रोमांच या तोलने वाले बम्पर के उपयोग से बचें। इससे बवासीर की स्थिति बढ़ सकती हैं।

नियमित चेकअप

नियमित चेकअप करवाना बहुत महत्वपूर्ण हैं, ताकि समस्या का पता चल सके और समय पर उचित उपचार किया जा सके।

इन सावधानियों का पालन करके बवासीर से बचना संभव हो सकता हैं। prevention of hemorrhoids in Hindi इसके अलावा, ध्यान रखें कि स्वस्थ जीवनशैली अपनाना और तनाव को कम करना भी महत्वपूर्ण हैं।

लैट्रिन के जगह दर्द होना

निष्कर्ष:

बवासीर क्यों होता है बवासीर के बारे में यह सामान्य जानकारी है और यह अपने चिकित्सक के साथ परामर्श करके पूरी तरह से सटीक और व्यक्तिगत उपचार के लिए समझना चाहिए। आपके चिकित्सक की सलाह और मार्गदर्शन का पालन करें ताकि आप स्वस्थ और सुखी जीवन जी सकें।

[WPSM_AC id=26874]

Udtagyani.Com provides information and education. There is an effort toward learning politics, entertainment, health, economics, computers, IT, and science. It is a free platform to learn analytics and make effective decisions

Leave a Comment