रुलाने वाली कहानी | long emotional story hindi | long इमोशनल स्टोरी हिंदी

इस दुनिया में लड़की होना कोई आम बात नहीं है।आज भी लड़की पैदा होना बदनसीब माना जाता है बहुत सारे ऐसे जगह और समाज है जहां पर आज भी पढ़ाई लिखाई ल़डकियों के द्वारा न कराना, तथा इसके अलावा अनेक प्रकार की कठिनाइयां उत्पन्न होती है।  इसी प्रकार के समाजिक भेद भाव और लड़कियों की समाजिक नजरिया के  ऊपर मे long emotional story hindi एक कहानी लेकर आए हैं जिसमें एक बदनसीब लड़की के कहानी लिखा गया है। इस कहानी का मुख्य किरदार जो निभा रही है। उसका नाम आरती है। 

ऐसी सोच और मान्यताएं अब तक हमारे समाज में मौजूद हैं। यह सोच दृष्टिकोण की एक गलत और अन्यायपूर्ण तरीका है। बच्चे की जन्मलिंग किसी भी रूप में उसे बदनसीब नहीं बनाती है, चाहे वह लड़की हो या लड़का। 

लड़की पैदा होना समाज की समृद्धि और समानता की एक महत्वपूर्ण अंग है। महिलाओं की शक्ति और योग्यता का पहचान करना हमारे समाज को बेहतर बना सकता है। लड़कियों को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, स्वतंत्रता और सभी अन्य क्षेत्रों में अवसरों के साथ संपूर्ण रूप से समर्पित करना चाहिए।

अब भी बहुत से समाजों ने इस परिस्थिति को संशोधित किया है और महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक स्थिति में सुधार हुआ है। यह उन्हें अपने पूरे पोटेंशियल का उपयोग करने की स्वतंत्रता प्राप्त हैं। 

हमें एक समाज में सभी लोगों को समानता, सम्मान और अवसरों का आदान-प्रदान करना चाहिए, चाहे वे लड़का हों या लड़की। स्त्री और पुरुष दोनों का विकास और संरक्षण आवश्यक है ताकि समाज और विश्व एक विकाशील स्थिति में बदल सकें। इन्ही सभी करक के ऊपर में एक long इमोशनल स्टोरी हिंदी लेकर आये हैं जिसे आप सभी को पढ़कर जरूर अच्छा लगेगा क्या आप इस तरह का कहानी को किसी एप्लिकेशन के माध्यम से देखना और सुनना क्या आप पसंद करैत हैं? तो आपके लिए यह XXVI Video Player Apps अच्छा साबित हो सकता हैं। चलिए कहानी को आगे बढ़ाते हैं।

 

दर्द भरी लड़की की कहानी | long emotional story hindi

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आरती बचपन से ही पढ़ने में बहुत कमजोर थी उसका शरीर का रंग सांवला था चेहरे का डिजाइन कुछ खास नहीं था  औरो  के अपेक्षा  भगवान उसके दांतो के भी बनावट अच्छा नहीं दिए थे

आरती का चेहरा अच्छा ना होने के कारण स्कूल में बच्चा अक्सर उसे चढ़ाते रहते थे कोई आरती का फ्रेंड बनने के लिए तैयार नहीं था, जब आरती अपने गांव के गालियों से गुजरती थी बगल में खड़े लोग भी अपना मुंह फेर लेते थे। आरती को इस बात से बहुत ज्यादा पीड़ा होता था। 

वह यह नहीं समझ पा रही थी, क्यों की वह बहुत छोटी बच्ची थी।  आखिर बात क्या है?  हमारे चेहरे को देखकर लोग अपना मुंह क्यू छुपा लेते हैं?

आरती जब स्कुल से घरां वापस आती थी तब अपने माँ से एक यही सवाल करती थी कि माँ जब हम अपने स्कुल से घर आती हूँ तो लोग हमे ऐसे क्यु देखते है और स्कुल मे भी हमसे कोई बात नहीं करता है। 

हमारा कोई फ्रेंड भी नहीं बन रहा है अतः हमसे कोई बातचीत भी नहीं करता है इतना बात सुनकर आरती की मां की आंख में आंसू आ गया वह फफक फफक कर रोने लगी लेकिन अपनी बिटिया को यह नहीं समझा पा रही थी तुमसे लोग इतना घृणा क्यु करते है। 

मां आरती से बहुत ज्यादा प्यार करती थी, गली मोहल्ले में आरती को मनहूस जब लोग बोला करते थे आरती की माँ कड़ी शब्दों मे जबाब दे देती थी। आरती के  मां अपने कलेजे के टुकड़े को हर वक्त अपने साथ में रहती थी और जो भी उसे बोलता था उसके बदले में जवाब देती थी आरती धीरे-धीरे अपनी पूरी उम्र जीने की एक आदत बना ली और जो लोग बोल रहे थे उसके पीछे कुछ और सुनने के लिए तैयार नहीं रहती थी बस अपने काम से मतलब रखती थी पढ़ाई करती थी और वापस घर लौट जाती थी। 

धीरे-धीरे आरती बड़ी होते चली गई अब उसका उम्र शादी करने लायक हो गया था अब उसके पापा लड़का खोजने के लिए एक गांव से दूसरे गांव में जाने लगे लेकिन जो भी लड़का वाला आरती को देखने के आता था वह बिना पसंद किए ही लौट जाता था। ऐसे बहुत बार हुआ, अब बहुत दिक्कत होने लगा आरती को शादी करने में।

आरती के पापा भी थक चुके थे लड़का खोजते खोजते। ऐसा कोई गांव नहीं था जिस गांव में आरती के पिता लड़का खोजने के लिए नहीं गए थे। अब आरती के पापा भी गुस्से में आकर आरती को मनहूस बोलना चालू कर दिया। लेकिन माँ तो एक ऐसी थी जो सभी लोगों को समझाती थी और आरती के बारे में भला बुरा कहने वालों को सबक सिखाती थी। 

भगवान ने भी आरती के साथ बहुत ही क्रूरता मज़ाक किए थे। शरीर के बनावट ऐसे बना दिए थे जिसे देखकर कोई भी लड़का वाला पसंद ही करता था। आरती भी इस बात को लेकर चिता कर रहीं थीं कि पापा हमारे लिए इतना दूर दूर तक जाते है लड़का देखने के लिए लेकिन हमे कोई भी लड़का पसंद नहीं करता है। 

दर्द भरी लड़की की कहानी | long emotional story hindi short

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आरती अपने कामों में ज्यादा व्यस्त रहती थी वह खाना बनाने मे बहुत ज्यादा समय देती थी। आरती की खाना बनाने ने बहुत ज्यादा मजा आता था। 

आरती ने बहुत सारे खाना बनाने की रेसिपी के बारे में जानकारी हासिल कर ली थी। इसके लिए उन्होंने किताबें, रेडियो, टीवी चैनल पर वीडियो देख ली थी। आरती के द्वारा बनाया गया खाना बहुत स्वादिष्ट और टेस्टी होता था। 

आरती की तारीफ उसके चेहरे से कोई नहीं करता था लेकिन उनकी खाना बनाने का जो तरीका था, उनके खाना में जो स्वादिष्ट था उसे हर कोई तारीफ  करता था। खाना बनाने में आरती के जितने भी आजू-बाजू औरतें थी उन सभी औरतें में बहुत ज्यादा फेमस हो गई थी। 

जिस औरत को लगता था कि आज नया खाना बनाना है और कुछ नया आईडिया इसमें टेस्टी लाना है तो औरत आरती के पास में आकर जानकारी लेती थी 

बहुत सारे औरत यह भी सोचती थी कि आरती के द्वारा बनाए गए खाना को हम सीख लें। लेकिन यह उन सभी के बस की बात नहीं था। आरती के हाथ में ऐसा टाइमिंग जादू था जो आरती के इस कला को कोई सीख नहीं पाया। 

आरती का जीवन और उसका लाइफ चक्र उतार-चढ़ाव में कटता रहता था। माता पिता और रिश्तेदार बहुत कोशिश कर रहे थे की आरती कि कहीं न कहीं शादी हो जाए।

बहुत कोशिश के बाद मां पापा ने एक लड़का वाले को मना लिया था। वे सब आरती को देखने के लिए घर पर आने वाला था। आरती को इस बात की खबर लग जाती है कि हमारी शादी होने वाला है आरती दुखी हो जाती है। और गुस्सा करने लगती है, और आरती रोती हुई कहने लगती है कि आप सब इतना सारे लड़के वालों को देखने के लिए बुलाते हो लेकिन कोई हमें पसंद नहीं करता है और जो भी आता है हमारी मजाक बना कर चला जाता है।

आप सबकी बदनामी होती हैं, गांव समाज का बोलता है कि लड़का वाला देखने आया था और आरती को पसंद नहीं किया। गांव वाले भी कहते हैं कि पता ना उसके मम्मी पापा कैसे उसको जन्म दिए हैं इस मनहूस को कि कहीं शादी ठीक ही नहीं हो रहा है

आरती माँ ने आरती को समझाई की शादी में अक्सर ऐसा होते रहता है। हर कोई किसी को पसंद नहीं होता है जिसे तुम पसंद आ जाओगी तो तुमसे जरूर शादी कर लेगा तुम अपना ख्याल रखो तुम अपने आप पर ध्यान दो कौन तुम्हें पसंद करेगा या नहीं करेगा यह तुम उनके पर छोड़ दो। 

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अगले दिन लड़का वाले आरती को देखने वाले थे लेकिन आरती उसी दिन सुबह में ही सज संवर कर  कहीं निकल गई थी लड़का वाले घर पर आते हैं। लेकिन मम्मी पापा को नहीं पता था कि आरती कहां गई है। जब लड़की देखने का बारी आता है तो आरती घर में नहीं थी। लड़का वाले इस पर गुस्सा हो जाते हैं और पूरा खरी-खोटी सुनाते हैं आरती के मम्मी पापा को। 

वैसे भी पापा आरती पर बहुत ज्यादा गुस्सा करते थे लेकिन उस दिन की हरकत से आरती के पापा के ऊपर खून सवार हो गया था। आरती ने अपने पापा को गुस्से में पागल कर दिया था उस दिन आरती के पापा ने उसके मम्मी पर सारा गुस्सा उतार दिए। आरती के पापा ने उसके मम्मी को बहुत भाला बुरा कहे कि यह सब तुम्हारी शिर पर चढाने का नतीज़ा है। तुम्हारी ही वज़ह से आज आरती ऐसा हरकत कर रही है। 

अब शाम का वक्त होने वाला था आरती घर को लौट चुकी थी आरती के चेहरे पर बहुत ज्यादा खुशी था और उसके हाथ में एक चेक था आरती कोई एक सर्टिफिकेट लेकर आई थी। आरती ने अपने उपलब्धि के बारे में अपनी मम्मी से कुछ बोलने वाली ही थी, की इसी बीच आरती के मम्मी ने उसको खरी खोटी सुनाना शुरू कर दिया। उसकी मम्मी ने आरती को इतना खरी-खोटी सुनाई की आरती सपना में भी यह नहीं सोच पाती कि मम्मी आज हमें इतना भला बुरा बोलेगी। इससे पहले आरती की मम्मी ने आरती को इस तरह के शब्दों का उच्चारण नहीं की थी। 

आरती के माँ ने एक बात बोली आरती से, कि बाकी सब लोग सही कह रहे थे कि तुम सच में मनहूस हो आज तुम्हारी वजह से सब कोई परेशान है अच्छा तो होता कि तुम पैदा होते ही मर जाती आज यह दिन हमें देखने को नहीं पड़ता। गांव घर में मेरा सिर नहीं उठ पा रहा है। 

आरती इस वाक्य को सुनकर आवाक थी वह कुछ बोल नहीं पा रही थी क्योंकि जब आरती बोलने की कोशिश कर रही थी उसके मम्मी कि शब्दों से इसकी आवाज दब जाता था आरती चुपचाप निठूर भाव से खड़ी थी। 

आरती की आंख में आंसू बहा रहे थे आरती बिल्कुल व्याकुल हालत में खड़ी थी वह कुछ बोल नहीं पा रही थी

आरती अपने मां से एक ही सवाल कर रही थी, मां क्या मैं इतनी बदनसीब हूं कि मुझे आप मारना चाहती थी क्या मैं मर जाऊं मैं इतनी बुरी हूं। आप मुझे मारना चाहती थी मैं ऐसी क्या गलती कर दी हूं। 

आरती के द्वारा बोला गया एक भी बात का असर उसके मम्मी पर नहीं था। आरती की मम्मी काम कर रही थी और गुस्से में आरती के ऊपर में अनेकों बात का प्रहार कर रही थी। आरती निठूर भाव से अपनी मम्मी की ओर देख रही थी और उसके बातों को सुन रही थी आंख से आंसू बहा रहे थे लेकिन आरती चुपचाप खड़ी रही। 

आरती एक ही सवाल कर रही थी। मां क्या आप मुझे मारना चाहते हो गुस्से में मम्मी ने भी बोल दी हां! 

आरती बिना एक पल बिताए ही सीधा अपने कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर लेती है एक 2 मिनट के बाद में मम्मी का गुस्सा शांत होता है तब आरती के मम्मी को अपनी गलती का एहसास होता है। 

उसके मम्मी आरती के रूम के तरफ गई और दरवाजा खोलने के लिए बोली लेकिन आरती ने अपने रूम को अंदर से बंद कर लिया था। 

आरती के माँ ने जब देखी की आरती अंदर से दरवाजा बंद कर ली है, आरती के माँ सोची की यह कोई गलत कदम नहीं उठा ले। इसेलिए आरती के मम्मी ने उसके पापा के पास तुरंत कॉल कि, घर आने के लिए। दोनों ने दरवाजा खोलने के लिए काफी कोशिश की लेकिन आरती ने दरवाजा नही खोलीं कुछ समय बीतने के बाद आरती के पापा को अब एहसास हो गया कि आरती कुछ गलत कर ली है आरती के पापा ने तुरंत दरवाजा को तोड़ दिए। 

आरती के मम्मी पापा ने अंदर का सीन देखा तो अवाक रह गए आरती ने दुपट्टे का फंदा बनाकर पंखा से लटक रही थी। अभी ज्यादा वक्त नहीं हुआ था वह सिर्फ बेहोश हुई थी। मां और पापा ने तुरंत उसे उठाकर पंखा से अलग किए, फिर गले से दुपट्टा निकाला और बेड पर आरती को लेटा दिए स्थिति को देखते हुए उन्होंने तुरंत डॉक्टर को कॉल लगाए। 

 मां की नजर अपनी लाडली बेटी आरती के मुट्ठी बांधे हांथ पर जाता है। हाथ में एक चिट्ठी रहता है और टेबल पर पड़ी 500000 का चेक मिलता है। जिसमें फाइव स्टार होटल में सेफ की नौकरी करने के लिए कंफर्मेशन लेटर था उसी कंफर्मेशन लेटर और चिट्ठी को लेने के लिए आरती बाहर गई हुई थी। 

कुछ समय के बाद डॉक्टर आते हैं और आरती का इलाज करते है डॉक्टर आरती के चेकअप करने के बाद बोलते है कि शुक्र है लड़की बच गई कुछ सेकेंड और देरी होता तो आज यह लड़की हम sabhi के बीच नहीं रहती। 

आरती बेड पर बेहोश अवस्था में पड़ी थी डॉक्टर ने बोला की आरती धीरे-धीरे कुछ घंटों में ठीक हो जाएगी मैं दवा लिख दे रहा हूं जिसे आप मेडिकल स्टोर से मंगा लीजिए। 

सच्चे संघर्ष की कहानी long emotional story hindi

मां और पापा ने उस चिट्ठी को खोलकर पढ़ा जिसमें कुछ इस प्रकार से लिखा था-

मम्मी और पापा मैं जानती हूं कि मैं जन्म से लेकर आज तक कोई ऐसा कार्य नहीं की जिससे आप लोगों का गर्व महसूस हो। लेकिन मैं आपसे बताना चाहता हूं कि मैं खाना पकाने में नेशनल लेवल कंपटीशन को जीत चुकी हूं इसमें मुझे ₹500000 का चेक और प्रथम स्थान मिला है 

मेरे द्वारा बनाया गया खाना ऑर्गेनाइजेशन को इतना पसंद आया कि वह मुझे एक बहुत बड़े होटल में बतौर मास्टरशेफ की नौकरी के लिए कंफर्मेशन लेटर भी दे दिया था

पूरी दुनिया मुझे खिलाफ हो, मुझे इस बात का कोई फर्क नहीं पड़ता था और नहीं पापा की कड़वी बातें मुझे रुलाती थी मैं पापा से हर वक्त प्यार करती थी और मम्मी को दिल से चाहती थी मैं जानती थी कि मम्मी और पापा केवल बाहर से ही सख्त दिखते हैं लेकिन अंदर से मुझे बहुत ज्यादा प्यार करते हैं यदि मम्मी और पापा मुझे प्यार नहीं करते तो मेरे लिए बिना कहे हुए कपड़ा मिठाईया किताबें नहीं ले कर देते

मां की ममता और प्यार को कोई क्या बयां कर सकता है मां मेरी चाहत और दुनिया थी। पापा की प्यार मुझे बहुत सताएगी मैं अब इस दुनिया को अलविदा कह कर जा रहे हो मेरी मां मेरे पापा इस दुनिया के सबसे खूबसूरत है

मैं जानती हूं कि आपने कभी ना कभी भगवान से प्रार्थना जरूर कि होंगे कि अगले जन्म में मेरे को ऐसे औलाद मत दीजिएगा लेकिन मैं भी भगवान से प्रार्थना करती थी कि अगले जन्म में क्या सात जन्मो तक मुझे आप जैसे ही मम्मी पापा मिले और आज यही प्रार्थना कर रही हूँ मैं उस भगवान के पास जा रही हूं जिसे आप लोग बहुत पहले हम हैं वहां पर भेजना चाहते थे

चिट्ठी में बहुत सारे इमोशनल बातें लिखी गई थी जिसे पढ़कर आरती के मम्मी पापा की पांव तले जमीन खिसक गए थे आरती के मम्मी पापा बहुत पछतावा कर रहे थे और उनके आंख से आंसू बहुत ज्यादा गिर रहे थे आरती बेड पर भीड़ पड़ी हुई थी उसकी मां उसके सिर पर हाथ फेर कर कर रो रही थी पिता को बर्दाश्त नहीं हो रहा था वह भी आरती के लिए जोर जोर से चिल्ला कर रोने लगे! 

आज के इस long emotional story hindi short कहानी से हमें यही शिक्षा मिलता हैं की हमें कभी भी दूसरे के बारे में कमेंट नहीं करना चाहिए। भगवान जो भी उस व्यक्ति को दिए वह कुछ सोच समझकर ही दिए होंगे। दूसरे पर कमेंट करने से पहले खुद को भी देख लेना चाहिए, की हमारे अंदर कितना अवगुण हैं।

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