G-20 को ग्रुप ऑफ ट्वेंटी कहा जाता है, इस समूह के 19 देश सदस्य हैं, ग्रुप का 20वां सदस्य यूरोपीय संघ है. जी-20 समिट का आयोजन साल में एक बार होता है.

G-20 की 18वीं समिट इस साल 9 और 10 सितंबर को होने जा रही है. इस साल भारत पहली बार G-20 की मेजबानी करने जा रहा है.

ग्लोबल इकोनॉमी में करीब 80 फीसदी से ज्यादा का प्रतिनिधित्व करने वाले जी-20 की अध्यक्षता करना भारत के लिए एक बड़ा मौका है

भारत की अध्‍यक्षता में इस साल जी-20 सम्‍मेलन दिल्‍ली के प्रगति मैदान में आयोजित होने जा रहा है.

 भारत के अलावा फ्रांस, चीन, कनाडा, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, अमेरिका, यूके, तुर्की, दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, रूस, मैक्सिको, जापान, इटली, इंडोनेशिया, यूरोपीय संघ शामिल है.

वैश्विक व्यापार में भी ये संगठन 80 फीसदी की हिस्सेदारी रखता है और करीब दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्‍व करता है.

हर साल अलग देश करता है अध्‍यक्षता जी-20 की बैठक की अध्‍यक्षता हर साल अलग देश करता है. पिछले साल ये बैठक इंडो‍नेशिया में हुई थी

इस साल भारत G 20 मेजबानी कर रहा है. इसके बाद वो ब्राजील को ये जिम्‍मा सौंपेगा और अगले साल ये बैठक ब्राजील में आयोजित होगी.

क्‍या है जी-20 का काम जी-20 का मूल एजेंडा आर्थिक सहयोग, वित्तीय स्थिरता ,व्यापार, जलवायु परिवर्तन, सस्टेनेबल डेवलपमेंट, स्वास्थ्य, कृषि और भ्रष्टाचार भी हैं

जी-20 की बैठक में इसके 20 सदस्‍य देशों के अलावा भी अन्‍य देशों को भी आमंत्रित किया जाता है. भारत ने इस साल 9 देशों को आमंत्रित किया है