भारत की महिलाओं के लिए एक ऐतिहासिक महीना साबित हो रहा है। केंद्र और राज्य सरकारों के समन्वित प्रयासों के तहत, गरीब और मध्यम वर्ग की महिलाओं को एक साथ कई बड़े लाभ मिल रहे हैं: मुफ्त एलपीजी सिलेंडर, मुफ्त चावल-गेहूं, चीनी, और मासिक नकद सहायता। यह पैकेज न केवल दिवाली के त्योहार को खुशनुमा बनाने के लिए है, बल्कि महिला सशक्तिकरण, खाद्य सुरक्षा और घरेलू ऊर्जा पहुँच को सुनिश्चित करने की एक व्यापक रणनीति का हिस्सा है।
मुफ्त गैस सिलेंडर उज्ज्वला योजना का नया अध्याय
क्या है योजना?
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के तहत, उत्तर प्रदेश सरकार ने 1.86 करोड़ महिलाओं को दिवाली से पहले मुफ्त एलपीजी सिलेंडर देने की घोषणा की है। यह लाभ केवल उन्हीं महिलाओं को मिलेगा जो पहले से PMUY की पंजीकृत लाभार्थी हैं।
विवरण:
- मात्रा: 14.2 किलोग्राम का स्टैंडर्ड घरेलू सिलेंडर
- अवधि: पहला चरण — अक्टूबर से दिसंबर 2025 (दिवाली के लिए), दूसरा चरण — जनवरी से मार्च 2026 (होली के लिए)
- बजट: सरकार ने इसके लिए 1,500 करोड़ रुपये की विशेष सब्सिडी जारी की है
- उद्देश्य: घरों में जैविक ईंधन (लकड़ी, कोयला) के उपयोग को कम करना और महिलाओं के स्वास्थ्य की रक्षा करना
डॉ. अनुजा शर्मा, सामाजिक नीति विशेषज्ञ (IIM लखनऊ) कहती हैं:
“PMUY के इस विस्तार से न केवल घरेलू धुएं से होने वाली सांस रोगों में कमी आएगी, बल्कि महिलाओं को लकड़ी इकट्ठा करने के लिए घंटों बाहर नहीं जाना पड़ेगा। यह समय बचत उन्हें शिक्षा, रोजगार या परिवार के लिए बेहतर उपयोग में लाने में मदद करेगी।”
राशन में बड़ा अपग्रेड, NFSA के तहत विस्तारित लाभ
15 अक्टूबर से लागू हुए नए नियम:
- मुफ्त अनाज:
- 78.9 करोड़ लाभार्थी (NFSA के तहत) को हर महीने 5 किलोग्राम प्रति व्यक्ति चावल या गेहूं मुफ्त मिल रहा है।
- कई राज्यों (जैसे बिहार, ओडिशा, छत्तीसगढ़) में अतिरिक्त चीनी, तेल या दाल भी वितरित की जा रही है।
- नकद सहायता:
- कुछ राज्यों में ₹500 से ₹1,000 तक की मासिक सीधे हस्तांतरण (DBT) सुविधा शुरू की गई है।
- यह राशि गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों के बैंक खातों में भेजी जा रही है, ताकि वे अन्य आवश्यक वस्तुएँ खरीद सकें।
- पोषण सहायता:
- गर्भवती महिलाओं और 6 साल तक के बच्चों के लिए पोषण किट्स (जिसमें आयरन, फोलिक एसिड, प्रोटीन बिस्कुट शामिल हैं) वितरित की जा रही हैं।
- यह पहल बाल कुपोषण और मातृ मृत्यु दर को कम करने के राष्ट्रीय लक्ष्य से जुड़ी है।
डिजिटल पारदर्शिता: राशन प्रणाली में क्रांति
सरकार ने राशन वितरण को अधिक कुशल और भ्रष्टाचार-मुक्त बनाने के लिए कई डिजिटल उपाय अपनाए हैं:
- ई-केवाईसी (e-KYC): अब राशन कार्ड बनाने या अपडेट करने के लिए ऑनलाइन प्रमाणीकरण पर्याप्त है।
- आधार लिंकिंग अनिवार्य: जुलाई 2025 से, सभी राशन कार्डों का आधार से लिंक होना अनिवार्य है।
- “वन नेशन, वन राशन कार्ड”:
- अब प्रवासी श्रमिक, छात्र, या कामगार कहीं भी—चाहे दिल्ली हो या केरल—अपना राशन ले सकते हैं।
- अब तक 32 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में यह सुविधा सक्रिय है।
आंकड़ा: अक्टूबर 2025 तक, 12.5 करोड़ से अधिक लाभार्थियों ने देश के अन्य राज्यों में अपना राशन प्राप्त किया है—जो इस योजना की सफलता का सबूत है।
राज्यव्यापी प्रभाव: कहाँ-क्या मिल रहा है?
| राज्य | विशेष लाभ |
|---|---|
| उत्तर प्रदेश | 1.86 करोड़ महिलाओं को मुफ्त गैस + ₹1,000 नकद सहायता |
| बिहार | मुफ्त चावल + 1 किलो चीनी + 1 लीटर तेल प्रति परिवार |
| मध्य प्रदेश | PMUY लाभार्थियों को दो मुफ्त सिलेंडर प्रति वर्ष |
| तमिलनाडु | “अम्मा राशन” योजना के तहत अतिरिक्त दाल और नमक |
| राजस्थान | ग्रामीण महिलाओं के लिए मोबाइल राशन वैन सेवा |
भविष्य की योजनाएँ: 2026 तक क्या आएगा?
सरकार की ओर से संकेत मिले हैं कि 2026 तक PMUY को और 1 करोड़ नई महिलाओं तक पहुँचाया जाएगा। साथ ही, “मुफ्त गैस + मुफ्त बिजली” का संयुक्त पैकेज भी कुछ राज्यों में पायलट आधार पर शुरू किया जा सकता है।
इसके अलावा, खाद्य वितरण प्रणाली में AI और ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग भी तेजी से बढ़ रहा है, जिससे राशन की आपूर्ति श्रृंखला पारदर्शी और तेज होगी।
लाभ लेने के लिए क्या करें?
- आधार कार्ड और राशन कार्ड को लिंक करवाएँ (यदि अभी तक नहीं किया गया हो)।
- PMUY पोर्टल (https://pmuy.gov.in ) या राशन मित्र ऐप पर अपनी लाभार्थी स्थिति जांचें।
- स्थानीय राशन दुकान या जन सेवा केंद्र से संपर्क करें।
- यदि आप PMUY की लाभार्थी हैं, तो अक्टूबर के अंत तक अपना मुफ्त सिलेंडर बुक कर लें।
निष्कर्ष: सिर्फ त्योहारी तोहफा नहीं, बल्कि सशक्तिकरण का संकल्प
अक्टूबर 2025 केवल एक राहत पैकेज नहीं है—यह महिलाओं के अधिकार, स्वास्थ्य और आत्मनिर्भरता की ओर एक स्पष्ट संकेत है। जब एक महिला को रसोई में साफ ईंधन मिलता है, घर में पौष्टिक भोजन उपलब्ध होता है और उसके बैंक खाते में आर्थिक सहायता आती है, तो वह न केवल अपने परिवार को, बल्कि पूरे समाज को आगे बढ़ाने में सक्षम होती है।
इस महीने का “तोहफा” शायद दिवाली के लिए है—लेकिन इसका असर पूरे साल तक रहेगा।



