डॉलर की मजबूती से दुनिया भर की करेंसी डोली
अमेरिकी डॉलर इन दिनों इतना मजबूत हो गया है कि पूरी दुनिया की करेंसी उसके आगे झुक रही है। भारतीय रुपया भी इस दबाव से बच नहीं पाया।
शुक्रवार को रुपया अपने नए निचले स्तर पर पहुंच गया — एक समय 88.38 प्रति डॉलर तक गिरा, और अंत में 88.27 पर बंद हुआ। यह भारतीय रुपये के लिए एक नया रिकॉर्ड है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्या कहा?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस मामले पर स्पष्ट बयान दिया है। उन्होंने कहा —
“हम रुपये की हर चाल पर नजर रखे हुए हैं। लेकिन यह सिर्फ भारत की समस्या नहीं है। दुनिया भर की करेंसी डॉलर के आगे कमजोर पड़ रही है। यह एक वैश्विक प्रवृत्ति है।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि रुपया अन्य करेंसियों — जैसे यूरो, पाउंड, येन — के मुकाबले कमजोर नहीं हुआ है। समस्या सिर्फ डॉलर के सामने है, जो अभी बहुत शक्तिशाली बना हुआ है।
रुपये के गिरने की मुख्य वजह क्या है?
रुपये के गिरने की सबसे बड़ी वजह अमेरिका के नए टैरिफ फैसले हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 27 अगस्त से भारतीय सामानों पर भारी इंपोर्ट ड्यूटी लगा दी है।
इसमें से 25% का जुर्माना तो सीधे तौर पर भारत पर लगाया गया है, क्योंकि भारत रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है।
इस फैसले से सीधे प्रभावित होने वाले सेक्टर:
- टेक्सटाइल (कपड़ा उद्योग)
- जेम्स एंड ज्वेलरी (रत्न और आभूषण)
- झींगा और समुद्री उत्पाद
- चमड़ा और जूते
- पशु उत्पाद
- केमिकल्स
- मशीनरी
अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। साल 2024-25 में दोनों देशों के बीच 131.8 अरब डॉलर का व्यापार हुआ — जिसमें से 86.5 अरब डॉलर भारत का निर्यात था।
इसलिए, जब अमेरिका भारतीय सामानों पर टैक्स बढ़ाता है, तो भारतीय निर्यातकों को नुकसान होता है। और जब निर्यात कम होता है, तो डॉलर कम आता है — जिससे रुपया कमजोर हो जाता है।
RBI ने क्या किया?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने रुपये को बचाने के लिए बाजार में दखल दिया। सरकारी बैंकों के जरिए डॉलर बेचा गया, ताकि रुपये की गिरावट रुक सके।
इस कदम से नुकसान कुछ हद तक कम हुआ, लेकिन डॉलर की ताकत के आगे RBI का यह प्रयास पूरी तरह सफल नहीं हो पाया।
आम आदमी पर क्या पड़ेगा असर?
रुपये के कमजोर होने का सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा। यहाँ देखिए कैसे:
1. पेट्रोल-डीजल महंगा हो सकता है
भारत 80% से ज्यादा कच्चा तेल विदेश से आयात करता है। जब रुपया कमजोर होता है, तो डॉलर में तेल खरीदना महंगा पड़ता है। इसका असर सीधे पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर दिखता है।
2. मोबाइल, लैपटॉप और इलेक्ट्रॉनिक्स महंगे होंगे
ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक सामान — चाहे वो मोबाइल हो, लैपटॉप हो या टीवी — उनके पुर्जे विदेश से आते हैं। रुपया कमजोर होने पर इनकी कीमत बढ़ जाएगी।
3. सोना और चांदी की कीमत आसमान छू सकती है
सोना भी डॉलर में खरीदा जाता है। रुपया कमजोर होने पर सोने की कीमत बढ़ जाती है। अभी भारत में सोने की कीमत 10 ग्राम के लिए 1,07,807 रुपये तक पहुंच चुकी है।
4. विदेश यात्रा और पढ़ाई महंगी होगी
अगर आप विदेश जाना चाहते हैं, या आपका बच्चा विदेश में पढ़ाई करना चाहता है — तो अब उसके लिए ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे। क्योंकि डॉलर महंगा हो गया है।
राहत की खबर: GST में बड़ा बदलाव — 400 से ज्यादा चीजें सस्ती होंगी
अच्छी खबर यह है कि सरकार ने आम जनता को बड़ी राहत दी है। 22 सितंबर से नया GST ढांचा लागू होगा, जिसमें:
- 400 से ज्यादा चीजों पर टैक्स कम किया गया है।
- दूध, ब्रेड, पनीर जैसी रोजमर्रा की चीजों पर अब कोई टैक्स नहीं होगा।
- साबुन, शैंपू, कार, एयर कंडीशनर, ट्रैक्टर जैसी चीजें सस्ती हो जाएंगी।
वित्त मंत्री ने कहा —
“यह सुधार 140 करोड़ भारतीयों को प्रभावित करेगा। हर परिवार को इसका फायदा मिलेगा।”
एक्सपर्ट की राय: “डॉलर का दबदबा अस्थायी है”
आर्थिक विश्लेषक डॉ. सुमित गुप्ता कहते हैं —
“डॉलर की मजबूती अभी अस्थायी है। अमेरिकी ब्याज दरों में कमी आने पर डॉलर कमजोर होगा और रुपया फिर से मजबूत हो सकता है। लेकिन अभी कुछ महीने तक रुपया 88-89 के आसपास रह सकता है।”
उन्होंने यह भी सलाह दी कि आम आदमी को घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार और RBI दोनों ही रुपये की स्थिति पर नजर रख रहे हैं।
निष्कर्ष: रुपया डूबा, लेकिन सरकार ने दी राहत
रुपये का गिरना एक चिंता की बात है, लेकिन यह सिर्फ भारत की समस्या नहीं — बल्कि पूरी दुनिया की है। अमेरिका के फैसले और डॉलर की मजबूती के कारण ऐसा हुआ है।
लेकिन सरकार ने GST सुधार के जरिए आम आदमी को बड़ी राहत दी है। अगर आप दूध, ब्रेड, साबुन, कार या AC खरीदते हैं — तो अब आपको कम पैसे खर्च करने पड़ेंगे।
इसलिए, डॉलर की दहाड़ से घबराएं नहीं — बल्कि अपने खर्चे को समझदारी से प्लान करें।
याद रखें:
रुपया गिरा है, लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था अभी भी मजबूत है। सही नीतियों और समय के साथ, रुपया फिर से ऊपर आएगा।



